आगामी 20 मई को हेमकुंड के कपाट खुलेंगे।
हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर जमी बर्फ के पहाड़ों के कपाट कर बहुत सीमा सेना के जवानों और सेवादारों ने बर्फ काट रास्ता बना रहे हैं।
मगर अभी शेष बर्फ को हटाने के लिए मानवीय शक्ति और स्नोकटर्स मशीनें तेजी से कार्य में जुट गई हैं।
गुरु के द्वार हेमकुंड साहिब यात्रा के प्रति लोगों की निष्ठा और आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ओर जहां सेना और सेवादारों ने बर्फ के पहाड़ काटकर रास्ता बनाया है।
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वहीं 18 किमी. के पैदल रास्ते से स्नोकटर्स मशीनें कंधे पर लाद कर गुरु भक्त हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा पहुंचे।
परिसर सहित आस पास की बर्फ मशीनों से हटाई जा रही है।
हेमकुंड यात्रा के लिए गोविन्द घाट गुरुद्वारा को इस बार भब्य रूप देकर सजाया गया है।
आधुनिक लाइट्स सेट्स और झालरें, लटकनें भी नईं रूप में लगाईं गई हैं, जो सुंदर रंगों की रोशनी दे रहे हैं।
गोविन्द घाट गुरुद्वारा के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया ने गुरुद्वारा की गरिमा के साथ-साथ गोविन्द घाट गुरुद्वारा को भव्य रूप दिया गया है।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने कहा 17 मई से ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब यात्रा का पहला जत्था रवाना होगा।