यह समझना मुश्किल हो रहा है कि यह कौनसी बीमारी है।
हर किसी में इस बीमारी के अलग अलग लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
किसी को उल्टी हो रही है तो किसी को पेट दर्द की शिकायत है।
तीन दिन पहले गांव की एक स्कूली छात्रा की मौत के बाद गांव में लगाए गए चिकित्सा शिविर में यह बात सामने आई है।
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टायफाइड और पीलिया की आशंका को लेकर ग्रामीणों की मांग पर स्वास्थ्य विभाग ने शिविर तो लगा दिया, लेकिन बीमार पाए गए किसी भी ग्रामीण की उचित जांच नहीं की।
वहीं ग्रामीणों ने संभावना जताई है कि छात्रा की मौत पीलिया की वजह से हुई है।।
ग्राम प्रधान कविता महर और ललित महर की मांग पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची।
चिकित्सक डॉ.प्रतीक पांडे के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिक विद्यालय के 54 स्कूली बच्चों की चिकित्सकीय जांच की।
ये सभी बच्चे बीमार पाए गए। गांव में रहने वाले अन्य 57 लोग भी बीमार मिले। विभाग की टीम का कहना है कि बीमार पाए गए लोगों में बुखार, उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द सहित अन्य तकलीफों की शिकायत पायी गई।
टीम इसे मौसम की वजह से होने वाली बीमारी बता रही है।