उन्होंने कहा कि इस मामले में विधिक राय ली जा रही है। इसके बाद ही वह कोई निर्णय लेंगी। सूत्रों के अनुसार पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई बैठक भर्तियां निरस्त करने का सरकार बना चुकी है।
इसको लेकर कानूनी राय ली जा रही है दोनों सरकारों के कार्यकाल में की भर्तियों में लगे ज्यादातर कर्मचारी अपने तदर्थ रूप में कार्यरत हैं।
ऐसे में कानूनी दांवपेच का झंझट भी कम होगा सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री धामी भी दोनों भर्तियों को निरस्त करने के पक्ष में है माना जा रहा है कि स्पीकर भर्तियों को लेकर सर्वदलीय जांच कमेटी टीम भी बना सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर इसमें भी सख्त रुख अपनाया है।उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर कहा है कि विधानसभा एक गरिमामयी स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है।
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इसकी गरिमा बनाए रखना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
उन्होंने भर्ती प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने और अनियमितताएं पाए जाने पर ऐसी सभी नियुक्तियां निरस्त करने का आग्रह किया है।