महेंद्र सिंह धोनी आज (सोमवार) को नैनीताल से पंतनगर स्थित एयरपोर्ट को रवाना हो गए। नैनीताल को अलविदा कहते वक्त भी धोनी के चेहरे पर विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम की हार की टीस नजर आई।
चार दिनी नैनीताल प्रवास के बाद क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी सोमवार को नैनीताल से पंतनगर स्थित एयरपोर्ट को रवाना हो गए।
नैनीताल को अलविदा कहते वक्त भी धोनी के चेहरे पर विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम की हार की टीस नजर आई।
यही कारण रहा कि जाते वक्त भी धोनी अपने प्रशंसकों से दूर ही रहे अलबत्ता होटल छोड़ने से पहले उन्होंने होटल के स्टाॅफ कर्मियों के साथ ग्रुप फोटो जरूर खिंचवाया।
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धोनी 14 नवंबर को कुमाऊं प्रवास पर नैनीताल पहुंचे थे। उनके आने की भनक लगते ही जगह जगह उनके प्रशंसक उनका इंतजार करने लगे थे।
वह 3:10 बजे इंडिगो की फ्लाइट 6ई-7157 से पत्नी साक्षी और बेटी संग दिल्ली रवाना हुए।
धोनी बोले-धन्यवाद उत्तराखंड पुलिस नैनीताल से जाते हुए धोनी उत्तराखंड पुलिस का धन्यवाद कह गए।
दरअसल, 14 नवंबर को माल रोड पर पहुंचते ही धोनी जाम में फंस गए थे और तब प्रशंसकों ने उन्हें घेर लिया था।
इस दौरान पुलिस ने किसी तरह जाम खुलवाकर उन्हें होटल तक पहुंचाया।
उसके बाद से भी पुलिस टीम तत्परता के साथ उनकी सुरक्षा में जुटी रही।
ऐसे में वापसी के दौरान धोनी ने उत्तराखंड पुलिस समेत एआई धर्मेंद्र कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों को गुड वर्क कहते हुए धन्यवाद किया।
14 नवंबर को वह पत्नी और बेटी के साथ नैनीताल में रहे और अगले दिन अल्मोड़ा स्थित अपने पैतृक गांव ल्वाली को रवाना हो गए।
17 नवंबर को धोनी सपरिवार फिर से नैनीताल आ गए। तभी से वह यहां मल्लीताल स्थित उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी के पास स्थित प्रसादा भवन में रह रहे थे।
चार दिन से धोनी तो प्रसादा भवन में ही थे लेकिन उनकी पत्नी साक्षी और बेटी जीवा ने साथ आए लोगों के साथ नैनीताल भ्रमण किया।
19 नवंबर को धोनी ने प्रसादा भवन में ही पत्नी साक्षी का जन्मदिन मनाया और अगले दिन विश्वकप का फाइनल भी देखा।
आज (सोमवार) सुबह धोनी के नैनीताल से वापसी की भनक लगते ही प्रसादा भवन के आसपास उनके प्रशंसकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
लेकिन धोनी किसी से नहीं मिले और करीब 10:30 बजे अपने परिवारजनों के साथ प्रसादा भवन से बाहर निकले और कार में सवार होकर पंतनगर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।