7 दिनों तक चलेगा रौशनी का महापर्व :- दिवाली केवल एक दिन का त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक कैलेंडर का सबसे बड़ा सप्ताहभर चलने वाला पर्व है. आमतौर पर दिवाली को 5 दिनों का पर्व माना जाता है, लेकिन 2025 में पंचांग और तिथियों के विशेष संयोग के कारण यह उत्सव कुल 7 दिनों तक मनाया जाएगा.इस विशेष अवसर पर धार्मिक रीति-रिवाज़, पारिवारिक मिलन, सजावट, दीयों की रोशनी, और विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं दिवाली 2025 के सातों दिन कौन-कौन से पर्व और व्रत मनाए जाएंगे, उनका महत्व क्या है और पूजा के शुभ मुहूर्त कब हैं।
बड़ी ख़बर एक क्लिक में ;- सरसों का तेल और लहसुन के फायदे
पहला दिन: गोवत्स द्वादशी (वसुबारस)
तारीख : 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
तिथि: कार्तिक कृष्ण द्वादशी
शुभ मुहूर्त: शाम 5:48 बजे से रात 8:19 बजे तक
इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. विशेषकर महिलाएँ इस दिन संतान सुख और पारिवारिक सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं. इसे वसुबारस भी कहा जाता है और यह दिवाली की शुरुआत का संकेत देता है।
बड़ी ख़बर एक क्लिक में ;- खाली पेट पपीता खाने के फायदे
दूसरा दिन: धनतेरस (धन त्रयोदशी)
तारीख: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
तिथि: कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी (दोपहर 12:18 PM से शुरू)
शुभ मुहूर्त (धनतेरस पूजा): शाम 7:15 से रात 8:19 बजे तक
यम दीपदान: शाम 5:47 से 7:03 बजे तक
इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है जो स्वास्थ्य और आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं. लोग नए बर्तन, आभूषण या वाहन खरीदकर समृद्धि का स्वागत करते हैं. साथ ही, यमराज के लिए दीपदान कर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है।
तीसरा दिन: काली चौदस और हनुमान पूजा
तारीख: 19 अक्टूबर 2025, रविवार
तिथि: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी (दोपहर 1:51 PM से शुरू)
शुभ मुहूर्त (हनुमान पूजा और काली चौदस): रात 11:40 से 12:31 AM तक
इस दिन को नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है. माना जाता है कि इस दिन प्रातःकाल स्नान करने से पापों का नाश होता है. कई स्थानों पर महाकाली और हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है.
चौथा दिन: दीपावली, लक्ष्मी पूजा
तारीख: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
तिथि: कार्तिक अमावस्या (दोपहर 3:44 PM से शुरू)
शुभ मुहूर्त (लक्ष्मी पूजा): शाम 7:07 से 8:17 बजे तक
दिवाली का मुख्य पर्व इसी दिन होता है. यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और अज्ञान पर ज्ञान के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. घरों को साफ करके, दीपों से सजाया जाता है और माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन चोपड़ पूजा और केदार गौरी व्रत का भी महत्व है।
पांचवां दिन: अमावस्या स्नान और दान
तारीख: 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार
तिथि: कार्तिक अमावस्या (अब भी चल रही है)
महत्व: इस दिन को पुण्य स्नान व दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
सुबह जल्दी उठकर स्नान-दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है. यह दिन पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त होता है।
छठा दिन: गोवर्धन पूजा और अन्नकूट
तारीख: 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
तिथि: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (5:54 PM से प्रारंभ)
शुभ मुहूर्त: सुबह 6:25 से 8:41 बजे तक
यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से जुड़ा है. इस दिन गाय-बैलों की पूजा, गोबर से गोवर्धन बनाना, और अन्नकूट (विविध पकवानों का भोग) की परंपरा है।
सातवां दिन: भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा
तारीख: 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार
तिथि: कार्तिक शुक्ल द्वितीया
शुभ मुहूर्त (भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा): दोपहर 1:12 से 3:27 बजे तक
इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और उन्हें तिलक व मिठाई देकर सम्मानित करती हैं. साथ ही, लेखा-जोखा के देवता चित्रगुप्त की पूजा भी इस दिन होती है, जो विशेष रूप से लेखक, व्यापारी और अकाउंटिंग से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

