दूसरी तरफ बैंक प्रबंधक के अनुसार वह लॉकर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर था जिसे बैंक ने नोटिस भेजने के बाद ही लॉकर तोड़ा था व लॉकर का सारा सामान सुरक्षित रखा गया है।
पुलिस द्वारा मामले की छानबीन करते हुए सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग भी देखी जा रही है। नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता सिद्धार्थ सिंह रुड़की के साकेत कॉलोनी के रहने वाले हैं।
उनकी पत्नी आशु सिंह का सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के एक बैंक में लॉकर है।
अधिवक्ता ने पुलिस को बताया कि 22 जनवरी को उनके बेटे की सगाई होनी है।
- Advertisement -
इसलिए वे मंगलवार को बैंक से जेवर निकलवाने गए थे। जहां पर उन्हें बैंक का लॉकर टूटा हुआ मिला।
इस पर जब उन्होंने बैंक प्रबंधक से बात की तो कोई संतोषजनक जवाब ना मिलने पर मामले की सूचना पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और मामले की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस की पूछताछ में बैंक प्रबंधक ने बताया कि ये लॉकर दो लोगों के नाम पर अलॉट है।
लॉकर चाबी से नहीं खुल रहा था इसलिए लॉकर के दूसरे मालिक को कुछ दिन पहले ही नोटिस दे दिया गया था।
उनके आने के बाद ही उनके सामने लॉकर को तोड़ा गया।
अधिवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि इस बैंक में 1997 से उनकी पत्नी के नाम पर लॉकर है।
लॉकर में करोड़ों के पुश्तैनी जेवरों के साथ उनके द्वारा खरीदे गए जेवर तथा अन्य जरूरी कागजात भी रखे हुए थे।
उन्होंने बैंक प्रबंधक और कर्मचारियों पर मिलीभगत कर लॉकर को तोड़कर।