दिल्ली: अभी-अभी बड़ी खबर 1995 में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट उन्हें पहले ही दोषी करार दे चुका था।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोहरे हत्याकांड में दोषी करार देने का ऐलान किया है। मामले के खिलाफ पेशी के दौरान कोर्ट ने कहा कि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई जाएगी।
1995 में मसरख के एक मतदान केंद्र के पास हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में प्रभुनाथ सिंह पर दो लोगों की हत्या का आरोप था। आरोप था कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं किया था, इसलिए दोनों की हत्या कर दी गई।
मृतक के भाई द्वारा गवाहों को धमकाने की शिकायत के बाद इस केस को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया, जहां इसका ट्रायल हुआ था।
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पटना हाईकोर्ट ने 2012 में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था, लेकिन मृतक राजेंद्र राय के भाई हरेंद्र ने दोनों फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया है, और कहा कि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। केस के बाकी आरोपियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।
प्रभुनाथ सिंह इस समय 1995 के ही एक मर्डर केस में सजा काट रहे हैं, जिसमें मसरख के विधायक अशोक सिंह की 1995 में हत्या हो गई थी, जिन्होंने चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हराया था।
चुनावी हार के बाद प्रभुनाथ सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि तीन महीने के अंदर अशोक सिंह को मार देंगे, और अशोक सिंह की हत्या उनके घर पर दिनदहाड़े कर दी गई थी।
इस केस में 2017 में प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया गया था, और वे इस समय जेल में सजा काट रहे हैं।
राजनीति में प्रभुनाथ सिंह पहले आनंद मोहन के साथ थे, लेकिन बाद में नीतीश कुमार के साथ आ गए थे। नीतीश से विवाद के बाद 2010 में प्रभुनाथ सिंह लालू यादव के साथ आ गए थे।