ऐसी याचिका मत दाखिल किया करें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति भी दे दी है। इस याचिका को आंध्र प्रदेश के रहने वाले एम तिरूपति की ओर से दाखिल किया गया था। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव और उप राष्ट्रपति चुनाव एक्ट 1952 के कुछ प्रावधानों के संवैधानिक वैधता को चुनाती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इससे पहले राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव की संवैधानिक वैधता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा इस तरह की याचिका पर केवल सुप्रीम कोर्ट ही निर्णय ले सकता है। जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में एकमात्र उपाय परिणाम की घोषणा के बाद चुनाव याचिका के माध्यम से हो सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को विशेष अधिकार क्षेत्र प्रदान करती है।
कोर्ट ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 की पूर्व संध्या पर दायर याचिका को खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की थी। याचिका में संसद सदस्यों (सांसदों) और विधानसभा सदस्यों (विधायकों) के नाम हटाने की मांग की गई थी, जो कुछ लंबित मामलों के कारण जेल में बंद हैं या जिन पर उनके खिलाफ फैसला किया गया है, ताकि वे मतदान प्रक्रिया में भाग न लें। याचिका 70 वर्षीय स्वरोजगार कारपेंटर सतवीर सिंह द्वारा दायर की गई थी, जिसने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने के लिए नामांकन फॉर्म प्रस्तुत किया था। हालांकि, भारत के चुनाव आयोग ने इसे खारिज कर दिया था।
जगदीप धनकड़ ने लौटाया प्रैक्टिस चेंबर
इस बीच एनडीए से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनकड़ ने सुप्रीम कोर्ट में अपना चेंबर लौटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग में वकीलों के लिए चेंबर बनाया गया है। पिछले हफ्ते उसका नाम एलॉटमेंट लिस्ट सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था। ये इत्तेफाक था की उस लिस्ट में जगदीप धनकड़ का भी नाम है, जो कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिख कर कहा कि जगदीप धनकड़ अपना चेंबर लौटना चाहते हैं। उनका चेंबर किसी और वकील को दिया जा सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने कई साल पहले इस बिल्डिंग में चेंबर के लिए आवेदन दिया था। बिल्डिंग जब पूरी तरह से तैयार हो गई तो मंगलवार को उस का एलॉटमेंट करते हुए लिस्ट जारी कर दी गई। इस लिस्ट में 468 वकील है, जिसमें जगदीप धनकड़ का भी नाम है। एक चेंबर को दो वकीलों के लिए अलॉट किया गया है। यानी जगदीप धनकड़ को अपना चेंबर किसी के साथ साझा करना होगा। हालांकि नियम के मुताबिक अगर उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना जाता है तो वह वकालत की प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।
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