सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सार्वजनिक करेंगे संपत्ति : सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने का फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों की 1 अप्रैल को यह बैठक हुई थी, जिसमें सभी 34 जजों बैठक में शामिल हुए थे. उन्होंने सीजेआई की अध्यक्षता में हुई बैठक में अपनी संपत्ति को घोषणा करने का यह फैसला लिया है. सभी न्यायधीशों ने यह घोषणा की है कि सीजेआई के सामने अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे. हालांकि इसे कोर्ट की वेबसाइट पर घोषित करने का फैसला स्वैच्छिक होगा।
सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों की संख्या निर्धारित है, जिनमें से 33 जज अभी सुप्रीम कोर्ट में है. एक पद अभी खाली है. सूत्रों के मुताबिक 33 में से 30 जजों ने अपनी संपत्ति की घोषणा पत्र कोर्ट में दे दिया है, लेकिन इसे अभी सार्वजनिक नही किया गया है।
कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि जल्द ही जानकारी लोगों के सामने होगी. जजों की तरफ से संपत्ति की घोषणा का प्रावधान अभी भी है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं रखा गया है. ऐसा नही है कि पहली बार ऐसा फैसला लिया गया है. इससे पहले 26 अगस्त 2009 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जजों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।
7 मई 1997 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे एस वर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक में प्रस्ताव अपनाया, जिसमें कहा गया था कि प्रत्येक न्यायधीश को अचल संपत्ति या निवेश के रूप में उनके नाम पर उनके पति या पत्नी या उन पर आश्रित किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर सभी सम्पत्तियों की घोषणा मुख्य न्यायाधीश को करनी चाहिए. 28 अगस्त 2009 को दिल्ली हाई कोर्ट के सभी जजों ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि सभी जज अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने पर सहमत है।