पथरीले रास्तों पर राहत को रफ्तार ! :- उत्तराखंड में जिन लोगों ने आपदा का दर्द झेला है जिनकी आँखों में वो भयावह मंज़र खौफ भर रहा है और जिन परिवारों का सब कुछ आसमानी आफत ने तबाह कर दिया उनके लिए एक उम्मीद बनकर मजबूती से खड़ा है देहरादून का आपदा प्रबंधन विभाग जिसकी बेहतरीन टीम ने इस विभीषिका में एक एक जान बचाने के लिए एक एक पीड़ित को राहत देने के लिए दिन रात एक कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में रेस्क्यू को सफल बनाने के लिए पथरीले जोखिम भरे गाढ, गदेरे, ढौंड-ढंगार लांघते कई कई किलोमीटर दुर्गम रास्ते पार कर लोगों के बीच पहुंचे डीएम सविन बंसल , गाँव में प्रभावितों की पीड़ा साझा की आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया और कहा कि अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाए बिना जिला प्रशासन चैन से नहीं बैठेगा। गाँव वालों ने कहा कि उन्होंने पहली बार किसी डीएम को इस तरह से पथरीले रास्तों पर पैदल चलकर पीडियों के आंसू पोछते नहीं देखा है इसके लिए वो दिल से डीएम सविन बंसल का आभार भी जताते दिखाई दिए।
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देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा प्रभावित किमाडी-कंडरियाणा गांव का दौरा कर प्रभावितों की समस्या सुनी और आपदा से उपजे हालात और नुकसान का जायजा लिया। डीएम ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन पूरी तरह से प्रभावित परिवारों के साथ खडा है। प्रभावित लोगों को मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी जाएगी। इस दौरान डीएम ने राहत कार्यो की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए।
आपदा प्रभावित पूर्ण रूप से कट ऑफ़ भितरली कंडरियाणा क्षेत्र में पूरा प्रशासनिक अमला ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद रहा । डीएम ने निर्देश दिए कि खेत, खलियान, निजी भवन, ग्रामीण मार्ग, पुलिया, बिजली-पानी जल्द दुरूस्त हो जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने हसीलदार समेत वरिष्ठ अधिकारियों को क्षेत्र में ही कैम्प करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण भीतरली कंडरियाणा में कुछ भवनों में दाररें आई है। दो गौशाला क्षतिग्रस्त हुई है। वही पहाडी के दोनों तरफ से मलबा आने से कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है। गांव की पेयजल लाईन, सिंचाई गूल और सडक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। गावं को जोडने वाला नदी पर बना पैदल पुल बह गया है। दोनों तरफ पहाडी से भारी भूस्खलन और नीचे नदी से कटान होने के कारण भीतरली कंडरियाणा तोक में करीब 11 भवनो को खतरा बन गया है। इसलिए गांव का विस्थापन किया जाना आवश्यक है। ग्रामीणों ने क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायत भी प्रमुखता से डीएम के समक्ष रखी।
डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन-जीवन को जल्द सामान्य करने के लिए राहत एवं बुनियादी सुविधाओं की बहाली के कार्यों को पूरी क्षमता व तत्परता से संचालित राहत एवं रेस्टोरेशन कार्यो को पूरा करने के निर्देश दिए। प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति और सभी क्षेत्रों तक सड़क संपर्क बहाल करने के काम को प्राथकिता से पूरा किया जाय।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, डीएसओ केके अग्रवाल सहित सडक, पेयजल, विद्युत, सिंचाई एवं तहसील व ब्लाक के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।

