तो क्या मायावती का दौर खत्म ! : एक समय था जब हांथी यूपी से दिल्ली तक गर्जना करता था … एक समय था जब सियासत में बहन जी के जलवे थे … एक गोल्डन पीरियड वो भी था हांथी का निशान पर जमकर वोट बरसते थे लेकिन ये सियासत है बाबू जहाँ जनता ही जनार्दन है तभी तो आज बहन मायावती की सियासत खामोश हो चुकी है पार्टी अस्तित्व तलाश रही है। फिलहाल आजकल बुआ भतीजे की बात हो रही है जहाँ लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को माफ कर दिया. रविवार को आकाश ने सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया के जरिए बहन जी से माफी मांगी थी. जिसके बाद मायावती ने उन्हें माफ करते हुए उनका निष्कासन समाप्त किया और पार्टी में उनकी वापसी कराई. हालांकि अभी आकाश को कोई पद नहीं दिया गया है. वे फिलहाल महज एक कार्यकर्ता हैं. इस वाकये के बीच अब मायावती के रिटायरमेंट की भी चर्चा हो रही है. लेकिन मायावती का इस मामले को लेकर साफ रूख है।
उन्होंने उत्तराधिकारी को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. उन्होंने रविवार को X पर पोस्ट किया कि ‘श्री आकाश आनन्द द्वारा एक्स पर आज अपने चार पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने व सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ ही अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आकर बीएसपी पार्टी व मूवमेन्ट के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय. वैसे अभी मैं स्वस्थ्य हूं और जब तक पूरी तरह से स्वस्थ्य रहूंगी, मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के लिए पूरे जी-जान व तन्मयता से समर्पित रहकर कार्य करती रहूंगी. ऐसे में मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. मैं अपने निर्णय पर अटल हूं व रहूंगी’।
उन्होंने आगे लिखा कि ‘वैसे पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने व आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर वह लोगों से लगातार सम्पर्क करता रहा है और आज उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है. किन्तु आकाश के ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ की गलतियां अक्षम्य हैं. उन्होंने गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के कैरियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसलिए उनको माफ करने व पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है’. देखते हैं मायावती के आकाश अपनी पार्टी को ज़मीन से आकाश तक क्या पहुंचा पाएंगे ?