ये बात सभी जानते है कि पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को प्रधान का ताज़ पहनाने में प्रियंका गाँधी की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण रही है।
प्रियंका गांधी के समर्थन के कारण ही सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ताबड़तोड़ बयानी वार करने का कोई मौका नही छोड़ रहे है।
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सिद्धू ने अपनी ताजपोशी के दिन कैप्टन अमरिंदर सिंह का जमकर अपमान करने की कोशिश की? सिद्धू और अमरिंदर मंच पर एक साथ बैठे हैं। इसमें भी सिद्धू और अमरिंदर एक दूसरे की ओर देखने से बच रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे दोनों जबरदस्ती बिठा दिया गया है। करीब एक डेढ़ घंटे में सिद्धू-कैप्टन में बातचीत नहीं दिखी।
सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष पद पर नवाजे जाने का मंच सजा है। सभी नेता बैठे हैं, सिद्धू और कैप्टन आसपास ही हैं, तभी माला पहनाने की औपचारिकता शुरू होती है सिद्धू सबसे आगे खड़े होते हैं। माला के अंदर आ जाते हैं। कुछ पलों बाद सिद्धू सुनील जाखड़ को भी माला के अंदर समेट लेते हैं। सिद्धू कैप्टन की ओर पीठ फेरे खड़े रहते हैं। थोड़ी देर में हरीश रावत को बुलाया जाता है लेकिन सिद्धू कभी भी कैप्टन के साथ खड़े नहीं दिखे।
जैसे ही सिद्धू का नाम भाषण देने के लिए पुकारा गया। सिद्धू अपनी जगह से उठे और माइक की ओर बढ़े, कैप्टन का अभिवादन पार किये बगैर आगे बढ़ गए, लेकिन बीच में ही उन्होंने झुक कर तीन नेताओं के पैर छुए और शायद ये जता दिया कि उन्होंने अमरिंदर के पैर नहीं छुए।
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। आज औपचारिक ताजपोशी थी। नाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मान गए थे, सिद्धू के कार्यक्रम में पहुंचे थे। लेकिन इस मौके पर जो दोनों ओर से भाषणबाजी हुई। उससे तो यही पता चला कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को पाकिस्तान परस्त, बाजवा परस्त, इमरान परस्त ठहराने की कोशिश की और सिद्धू अपनी देशभक्ति की मिसालें गिनाते दिखे।
सीएम अमरिंदर सिंह मंच पर बोल रहे थे, सिद्धू को ही संबोधित कर रहे थे और सिद्धू दूसरी तरफ मुंह करके बातें किये जा रहे थे। कैप्टन ने मंच से ही कह दिया कि नवजोत सुनो, तुम्हीं से कह रहा हूँ। उन्होंने कहा कि ‘मेरी बात सुनो नवजोत, तुम उधर बातें कर रहे हो, आपको ये लड़ाई लड़नी पड़ेगी। वैसे कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाषण के बाद जब सिद्धू के बोलने की बारी आई, तो सिद्धू अपना नाम पुकारे जाने से पहले ही हाथ मसलते दिखे, फिर उठे, सिक्सर ड्राइव का पोज दिया और भाषण देने आगे बढ़ गए।
मंच पर जो फ़ोटो क्लिक की गई उनको देखकर तो यही लग रहा है कि पंजाब कांग्रेस के नए कैप्टन पुराने चावल मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को कम आंककर बड़ी भूल कर रहे है,
क्योंकि पुराने कैप्टन के पास जितना राजनैतिक मैच खेलने का अनुभव है उसमें सिद्धू अभी कच्चे खिलाड़ी है।
अगर पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष अपने निजी गिले शिकवे छोड़कर पूरी कांग्रेस को एकजुट करने का प्रयास करेंगे तभी वो 2022 के चुनाव में पार्टी का परचम पंजाब में कायम रख पाएंगे।