आयुर्वेद प्राचीन काल से मधुमेह में इन्द्रजौ के लाभ बताते आया है परन्तु इन्द्रजौ के फायदे और नुकसान आपको जानना भी आवश्यक है आज के इस पोस्ट में हम इन्द्रजौ के साइड इफेक्ट बताने वाले हैं। मधुमेह रोगियों के लिए यह कुटज यानि इन्द्रजौ रामबाण इलाज साबित हो सकता है। आपको इसपर ध्यान देने की ज्यादा आवस्यकता है। यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग रोगियों में मधुमेह स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। दो प्रकार के इन्द्रजौ उपलब्ध हैं- मीठा और कड़वा। इन्द्रजौ करवा स्वाद में कड़वा होता है और आमतौर पर हाइपर शुगर लेवल के इलाज में उपयोग किया जाता है।
मधुमेह में इन्द्रजौ के लाभ
मधुमेह में इन्द्रजौ का सेवन कर सकते हैं। इन्द्रजौ के सेवन से मधुमेह लेवल कंट्रोल रहता है। इन्द्रजौ के फूलों का चूरण बना लें और उसे गुनगुने पानी के साथ मिलाकर लें। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। जिन लोगों को घाव हो जाता है उनके लिए इन्द्रजौ के फूल का चूरण फायदेमंद होता है, आप चोट या घाव को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मुंह के छाले ठीक करता है इन्द्रजौ
- इन्द्रजौ शुगर लेवल कंट्रोल करता है
- पेट से जुड़ी समस्या इन्द्रजौ दूर करता है
- इन्द्रजौ पथरी की समस्या दूर करता है
- त्वचा संबंधित रोगों की समस्या दूर करता है इन्द्रजौ
इन्द्रजौ के फायदे और नुकसान (इन्द्रजौ के साइड इफेक्ट)
इन्द्रजौ के साइड इफेक्ट : यह मधुमेह से लड़ता है और इसके बीजों में जंबोलाइन नामक रसायन पाया जाता है जो शुगर लेवल को कम करता है. और नुकसान में इसका ज्यादा सेवन करने से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है. मान्यता है कि इसका रस ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है. इन्द्रजौ के नुकसान में पाचन तंत्र को खराब कर सकता है और इससे एलर्जी भी हो सकती है
इन्द्रजौ के फायदे : इस पौधे की छाल, पत्ते, फूल, जड़ के प्रयोग से स्किन पर होने वाली तमाम समस्याएं दूर हो सकती हैं। स्वाद में इंद्र जौ बहुत कड़वा होता है लेकिन ये हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इंद्र जौ को पीलिया, दस्त, स्टोन जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए औषधि के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.