पंजाब में फिर भीषण बाढ़! पहाड़ों का पानी बना मुसीबत :- पंजाब एक बार फिर भीषण बाढ़ की चपेट में है, और इसकी सबसे बडी वजह है, पहाडों से आने वाला पानी और बदलता हुआ मौसम, मानसून अब बना मुसीबत, जलवायु परिवर्तन के चलते अब मानसून लंबा चल रहा है, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में तेज बारिश होती है, और ये पानी नदियों के ज़रिए पंजाब तक पहुंचता है।
रावी, सतलुज और ब्यास जैसी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता है, और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं, बांधों पर बढ़ रहा दबाव, पंजाब में भाखडा नंगल डैम और रणजीत सागर डैम जैसे बडे बांध हैं, लेकिन इनकी क्षमता बढ़ाई नहीं गई।
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जब पानी सीमा से ऊपर पहुंचता है, तो उसे छोडना पडता है, जिससे नीचे के इलाके डूब जाते हैं, पंजाब में कुल पन्द्रह छोटे बडे बांध हैं, लेकिन पहाडो का सतत पानी इन पर भारी पड रहा है, अब सरकार बनाएगी नई योजना, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा किया है।
अब सरकार, जल स्रोत विभाग और विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक डिस्ट्रीब्यूटरी चैनल सिस्टम बनाने की योजना बना रही है, ताकि पहाडो से आने वाले पानी को संभाला जा सके और भविष्य में बाढ़ की तबाही से बचा जा सके, इतिहास गवाह है, बार बार आई बाढ़, पंजाब ने पहले भी कई बार बाढ़ की मार झेली है।
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1988 में अब तक की सबसे भीषण बाढ़, 1945 , 2004 , 2010 , 2019 ,2020 में बाढ़ की अलग अलग घटनाएं, और अब 2025 में पठानकोट, फाजिल्का, गुरदासपुर, फिरोजपुर, तरनतारन, कपूरथला और अमृतसर में हालात गंभीर हैं, क्या होगा समाधान, प्राकृतिक आपदाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन बेहतर जल प्रबंधन, आधुनिक तकनीक और सरकारी सजगता से इनके प्रभाव को जरूर कम किया जा सकता है।
आपका क्या मानना है, क्या पंजाब को अब नया जल नीति मॉडल अपनाना चाहिए, कमेंट करके अपनी राय जरूर दें, वीडियो पसंद आया हो तो लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।

