इस घटना की जानकारी देते हुए ग्राम प्रधान मल्ली जयवीर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में बंदरों द्वारा ग्रामीणों को काटकर घायल करने की घटनाएं होने पर ग्रामीणों को बंदरो के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग ने क्षेत्र में बंदर पकड़ने वाले पिंजरे लगाए थे।
जिसमे पूर्व में पिंजरे में कुछ बंदर कैद भी हुए थे।
जिन्हें कि वन विभाग द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया था।
लेकिन इस बार बंदरों के पिंजरे में गुलदार को कैद देख ग्रामीणों के होश फाख्ता गए।
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जिससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल पसर गया ये पिंजरा बंदरों को कैद करने के लिए लगाया गया था।
पिंजरा हल्का होने के कारण कैद गुलदार पिंजरे में आक्रामक दिखाई दिया।
जिसके कारण कोई भी ग्रामीण पिंजड़े के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
ऐसे में वन विभाग को सूचना दे दी गई।
वन विभाग की टीम ने गुलदार का रेस्क्यू कर उसे नागदेव रेंज ले लाई है।
रेंजर ललित मोहन ने बताया की गुलदार को अब सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा।