पुरोला के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, देवेंद्र शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की है।
जो अधिकारियों को एक क्षेत्र में चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने का आदेश जारी करने के लिए अधिकृत करती है।
उन्होंने कहा कि कस्बे में सौहार्द, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कस्बे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए मंगलवार को महापंचायत कराने की अपील को खारिज कर दिया है लेकिन अगर स्थानीय समूह फिर भी योजना पर आगे बढ़ते हैं तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बुधवार को कहा कि उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी को क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
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जिला पुलिस व प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। हम राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं, किसी को भी कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी और जो लोग इसे तोड़ने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) वी मुरुगेसन ने भी कहा, “हाल ही में उत्तरकाशी, विकास नगर और अन्य क्षेत्रों में पलायन की घटनाएं हुई हैं।
स्थानीय लोग हंगामा कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज की गईं। शांति स्थापित करने के लिए पुलिस अपना कर्तव्य निभा रही है। जो भी कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एक जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि यदि गुरुवार को स्थानीय समूह महापंचायत का आयोजन करते हैं तो उल्लंघन करने पर पुलिस धारा 144 के प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कथित लव जिहाद के मामलों को लेकर गुरुवार को पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत पर याचिका पर सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है।