बद्रीनाथ धाम के रहस्य ! : भारत में देव भूमि कही जाने वाली नगरी, उत्तराखंड में हिंदू धर्म के कई प्रमुख तीर्थ स्थल स्थित है। जिनकी मान्यता सनातन धर्म के लिए संस्कृति और विरासत है। उत्तराखंड के ऊंचे ऊंचे पहाड़ो के बीच भगवान शिव, व भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। जो संरचना और मान्यता के साथ अपने पौराणिक धार्मिक इतिहास से भी प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, बद्रीनाथ धाम। यह मंदिर भगवान विष्णु की उपस्थिती का साक्षी है।
नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं की गोद में,अलकनंदा नदी के बायीं तरफ बसे आदितीर्थ बद्रीनाथ धाम श्रद्धा व आस्था का अटूट केंद्र है। यह तीर्थ हिंदुओं के चार प्रमुख धामों में से एक है। यह पवित्र स्थल भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार नर एवं नारायण की तपोभूमि है। इस धाम के बारे में कहावत है कि-“जो जाए बद्री,वो न आए ओदरी” यानि जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे माता के गर्भ में दोबारा नहीं आना पड़ता। प्राणी जन्म और मृत्यु के चक्र से छूट जाता है।
जब भगवान श्रीविष्णु अपनी तपस्या के लिए उचित स्थान देखते-देखते नीलकंठ पर्वत और अलकनंदा नदी के तट पर पहुंचे, तो यह स्थान उनको अपने ध्यान योग के लिए बहुत पसंद आया। पर यह जगह तो पहले से ही शिवभूमि थी तब विष्णु भगवान ने यहां बाल रूप धारण किया और रोने लगे। उनके रुदन को सुनकर स्वयं माता पार्वती और शिवजी उस बालक के समक्ष उपस्थित हो गए और बालक से पूछा, कि उसे क्या चाहिए। बालक ने ध्यान योग करने के लिए शिव से यह स्थान मांग लिया। भगवान विष्णु ने शिव-पार्वती से रूप बदलकर जो स्थान प्राप्त किया वही पवित्र स्थल आज बद्रीविशाल के नाम से प्रसिद्द है।
मान्यता है कि जोशीमठ में जहां शीतकाल में बद्रीनाथ की चल मूर्ति रहती है,वहां नृसिंह का एक मंदिर है। शालिग्राम शिला में भगवान नृसिंह का अद्भुत विग्रह है। इस विग्रह की बायीं भुजा पतली है और समय के साथ यह और भी पतली होती जा रही है। जिस दिन इनकी कलाई मूर्ति से अलग हो जाएगी उस दिन नर-नारायण पर्वत एक हो जाएंगे। जिससे बद्रीनाथ का मार्ग बंद हो जाएगा,कोई यहां दर्शन नहीं कर पाएगा।भविष्य बद्री,जोशीमठ से 6 मील की दूरी पर कैलास की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। यहां मंदिर के पास एक शिला है। इस शिला को ध्यान से देखने पर भगवान की आधी आकृति नज़र आती है। जब यह आकृति पूर्ण रूप ले लेगी तब यहां पर ही बद्रीनाथ के दर्शन का लाभ प्राप्त किया जाएगा।