G20 शिखर सम्मलेन: वैज्ञानिक सहयोग का महत्वपूर्ण मंच
जी20 शिखर सम्मलेन के आगामी दिनों में हमें पहले ही बहुत कुछ अद्वितीय दृष्टिकोणों से गुजरना है। इसकी पूर्व-योजना के तहत, अनेक महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन किया गया है, जिनका आयोजन आज से ही शुरू हो गया है।
गोलमेज बैठक के द्वितीय चरण का आयोजन 27 अगस्त से 29 अगस्त तक गुजरात के गांधीनगर में किया जा रहा है।
इस उपायोगी समय में, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार अजय के सूद गोलमेज बैठक को संबोधित करेंगे।
साथ ही, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, और यूके के अधिकारियों के साथ तीन द्विपक्षीय बैठकें भी आयोजित की जाएंगी।
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इन बैठकों के बाद, रविवार को तीन द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी, और उसके बाद गांधीनगर के महात्मा मंदिर में अनेक अंतरराष्ट्रीय बैठकों का आयोजन होगा।
पूरे कार्यक्रम के अनुसार, प्रतिनिधियों ने 27 अगस्त को मोढ़ेरा सूर्य मंदिर को पहुँच कर आरंभ किया है।
इसके अतिरिक्त, आज वन हेल्थ” के मुद्दों पर एक बैठक का आयोजन किया गया है, इसके बाद जी20 सीएसएआर की कार्यवाही शुरू होगी।
इन बैठकों में पंचायत, ग्रामीण आवास, और ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव मोना खंडधार और भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार अजय सूद भी शामिल होंगे।
G20-CSAR की मुख्य बिंदुओं पर चर्चा
G20-CSAR विभिन्न विषयों पर चर्चा कर रहा है, जिनमें निम्नलिखित मुख्य बिंदु शामिल हैं:
- वन हेल्थ में अवसर: बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण और महामारी की तैयारी के लिए वन हेल्थ के अवसरों का परिकल्पना किया जा रहा है।
- वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग: विद्वान वैज्ञानिक ज्ञान को अधिक व्यापक रूप से पहुँचाने के लिए वैश्विक प्रयासों का समन्वय करने की जरूरत है।
- वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी में विविधता, समानता, समावेशन और पहुँच: वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विविधता, समानता, समावेशन और पहुँच (DEI&A) को बढ़ावा देने के लिए नए माध्यमों की खोज की जा रही है।
- सहयोगी वैश्विक विज्ञान सलाह तंत्र: एक सहयोगी, निरंतर और कार्रवाई-उन्मुख वैश्विक विज्ञान सलाह तंत्र की आवश्यकता है, जो ग्लोबल समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन कर सके।
पहली बार, G20-CSAR का आयोजन 2023 के मार्च में उत्तराखंड के रामनगर में किया गया था, जहाँ पर ट्रांसबाउंड्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था।
इस कार्यक्रम में, ‘एक स्वास्थ्य में अवसर, बेहतर रोग नियंत्रण और महामारी की तैयारी के लिए’, ‘एजेंडा 1-थीम और नीति विज्ञप्ति’, और ‘विद्वान वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच का विस्तार करने के लिए वैश्विक प्रयासों का समन्वय’ जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
साथ ही, ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विविधता, समानता, समावेशन और पहुंच’ पर भी एक सत्र आयोजित किया जाएगा।
‘समावेशी, सतत और कार्रवाई-उन्मुख वैश्विक एस एंड टी नीति संवाद के लिए संस्थागत तंत्र’ पर भी एक सत्र आयोजित किया जाएगा।
जिससे कि वैज्ञानिक विचारों को व्यक्त करने और साझा करने का मंच मिल सके।
इन सभी चर्चाओं के माध्यम से, G20 शिखर सम्मलेन वैज्ञानिक सहयोग के महत्वपूर्ण मंच के रूप में साबित हो रहा है, जहाँ दुनियाभर के वैज्ञानिक अद्यतन और विचारों का आदान-प्रदान हो रहा है, ताकि हम समस्याओं के समाधान के लिए साथ मिलकर कदम बढ़ा सकें।