अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अपने मुख्य विदेशी मुद्रा, अमेरिकी डॉलर के साथ सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया शुरुआती कारोबार में सीमित दायरे में रहा।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और अमेरिकी मुद्रा में मजबूती के साथ ही घरेलू बाजार के नकारात्मक रुख का असर रुपये पर पड़ा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.09 प्रति डॉलर पर खुला जो पिछले बंद भाव से सात पैसे की बढ़त है।
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शुरुआती कारोबार में रुपया 83.13 प्रति डॉलर पर भी पहुंच गया था, जबकि शुक्रवार को रुपया 83.16 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस परिस्थिति में, अमेरिकी डॉलर के साथ छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले रुपया अपनी स्थिति में कमी दिखा रहा है, जो डॉलर सूचकांक को 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.27 पर पहुंचाता है।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 94.31 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जिसने रुपये पर भी प्रभाव डाला है।
यह बदलाव विश्व वित्तीय बाजारों में चरम परिस्थितियों के बीच हो रहे तनाव के समय में आया है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का अर्थ है कि उद्योगों को अधिक खर्च करना होगा, जो फाइनेंशियल बाजारों को दबाव डालता है।
इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर की मजबूती भी विश्व वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर रही है, क्योंकि यह अन्य मुद्राओं के साथ मुकाबले कमजोर हो रहा है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण अफगानिस्तान की स्थिति में अशांति है, जो तेल आपूर्ति पर दबाव डाल रही है। इसके साथ ही, मध्य पूर्व क्षेत्र में बढ़ते तनाव ने भी तेल की मूल कीमतों में वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
अमेरिकी डॉलर की मजबूती भारतीय रुपया पर दबाव डाल रही है क्योंकि अमेरिका और अन्य मुद्राओं के मुकाबले यह मजबूत है। इसके पीछे का मुख्य कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुधारने के संकेत हैं, जिससे डॉलर की मूल्य में वृद्धि हो रही है।
रुपये के सीमित दायरे में कारोबार का यह अद्वितीय परिस्थिति हमारे वित्तीय बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।