रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में और एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें राजपुर रोड और राजेंद्रनगर,कौलागढ़ के कुछ भूमि की रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की पुष्टि की गई है।
जानकारी के अनुसार, इस मामले में सहायक महानिरीक्षक स्टांप संदीप श्रीवास्तव की शिकायत पर शहर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
इससे पहले कुल नौ मामले दर्ज किए गए हैं।
पहला मामला राजपुर रोड की संपत्ति से संबंधित है, जिसकी रजिस्ट्री 1979 में हुई थी। इस भूमि को इंग्लैंड के लांग जान हिल नार्विक निवासी एनएन सिंह और उनकी पत्नी रक्षा सिंह ने कांवली रोड निवासी प्रेम चंद्र को बेच दिया था।
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इस मामले में, रजिस्ट्री के दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई है, जो कि अन्य रजिस्ट्रियों के साथ मेल खाती है।
दूसरा मामला राजेंद्रनगर, कौलागढ़ की भूमि से संबंधित है, जिसकी रजिस्ट्री 1989 में हुई थी। इस भूमि को राजेंद्र नगर निवासी प्यारे लाल कौल ने बहेड़ी (बरेली) निवासी स्वर्ण सिंह को बेच दिया था।
इस रजिस्ट्री के ऊपर चस्पा बट फटा हुआ पाया गया है, जो अन्य रजिस्ट्रियों में पाये जाने वाले बट से मेल खाता है।
इसके अलावा रजिस्ट्री में नीली स्याही का प्रयोग मिला। अन्य रजिस्ट्रियों में काले रंग की स्याही का प्रयोग पाया गया।
परीक्षण में इस रजिस्ट्री में मुहर और लिखावट में भी भिन्नता पाई गई है।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के पिछले अन्य मुकदमों की तरह ये दो मुकदमे भी अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज किए गए हैं।
एसआइटी प्रभारी सर्वेश पंवार ने बताया कि प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है और जिनकी भी संलिप्तता पाई जाएगी।
उन्हें आरोपित बनाकर गिरफ्तारी व अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के इस मामले के बढ़ते आंकड़ों से लोगों की चिंता में वृद्धि हो रही है, और स्थानीय अधिकारियों को इस पर कठिनाइयों का समाधान निकालने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, यह साबित करता है कि संपत्ति रजिस्ट्री की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और अधिक कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि अवैध लेनदेन को रोका जा सके।