यूसीसी में सरल हो रजिस्ट्रेशन : महानिबंधक, समान नागरिक संहिता/ वित्त सचिव डॉ. वी. षणमुगम ने यूसीसी के सफल क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी, निबंधकों व उपनिबंधकों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने उप निबंधकों की शंकाओं का समाधान करते हुए सुझाव भी लिए। उन्होंने पंजीकरण को जटिल बनाने के बजाय इसके सरलीकरण पर जोर देने को कहा, ताकि आवेदकों को असुविधा न हो।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने पीपीटी के माध्यम से जिले में यूसीसी पंजीकरण की अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए जिले में 10 निबंधक और 182 उपनिबंधकों की तैनाती की गई है। यूसीसी पंजीकरण में पौड़ी जिले ने तेजी से कार्य किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वन ग्रामों के निवासियों के दस्तावेजों की कमी होने से पंजीकरण में दिक्कतें आ रहीं हैं।
महानिबंधक ने सभी उपनिबंधकों को निर्देश देते हुए कहा कि वन ग्रामों में पंजीकरण के लिए जो भी व्यवस्था की जा सकती है, इसका प्रस्ताव बनाकर नोडल अधिकारी को दें। जिससे नोडल अधिकारी इस प्रस्ताव को शासन में भेज सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। महानिबंधक ने कहा कि विवाह का पंजीकरण करते समय प्रतिबंधित श्रेणियों का ध्यान जरूर रखें। उन्होंने उपनिबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनता को सुविधा देने की मानसिकता के साथ कार्य करें। साथ ही कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां यूसीसी लागू हुआ है। इसमें हर समुदाय की भावनाओं, रीतिरिवाजों व परंपराओं का ध्यान रखा गया है। महानिबंधक ने ई- डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को निर्देश दिए कि पंजीकरण संबंधी एफएक्यू ( अकसर पूछे जाने वाले सवाल) का फ्लो चार्ट बनाकर उप निबंधकों को दें। ताकि वह कोई समस्या आने पर एफएक्यू की मदद से उसका निस्तारण कर सके।
बैठक में बताया गया कि यूसीसी लागू होने से 2 अप्रैल पर 7164 आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें 6,233 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। 88.35 प्रतिशत सरकारी कर्मियों का पंजीकरण हो चुका है। बैठक में नोडल अधिकारी यूसीसी/ अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र सेट, उप जिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, कोटद्वार सोहन सिंह सेनी, लैंसडौन शालिनी मौर्य, चौबट्टाखाल श्रेष्ठ गुनसोला, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, डीपीआरओ जितेन्द्र कुमार सहित उप निबंधक रचना शाह, नवीन कुमार, मुकेश जोशी, रोहित ठाकुर, दिनेश चंद्र व अन्य उपस्थित थे।