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वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर रेंज अधिकारी सम्बद्ध...

A budget of Rs 5 crore has been allocated to each District Magistrate for forest fire control in Uttarakhand. Fires in high mountain areas will be extinguished with the help of small size water tankers with portable pumps.

उत्तराखंड : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में वनाग्नि को नियंत्रित किए जाने के सम्बन्ध में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन का अपडेट लेते हुए सोमवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर रेंज अधिकारी, जोरासी (अल्मोड़ा वन प्रभाग, अल्मोड़ा ) को प्रभागीय कार्यालय स्तर पर सम्बद्ध किया गया है।

सीएस ने जोनल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक कुमाऊँ/गढ़वाल तथा वन्यजीव परिरक्षण क्षेत्र को निर्देश दिए है कि वनाग्नि नियंत्रण कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियो/ कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।

मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में मॉडल क्रू-स्टेशन/क्रू-स्टेशन पर मोबाईल क्रू टीम प्रत्येक चारधाम रूट पर सभी विजिबल स्ट्रेचस एवं रूट के किनारे पड़ने वाले ग्रामों की मैपिंग की गई है एवं मोबाइल क्रू-टीम तैनात की जा रही है।

राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन द्वारा वनाग्नि की घटनाओं की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।

उनके द्वारा उच्च स्तर को भी वनाग्नि की घटनाओं की अद्यतन सूचना से अवगत कराया जा रहा है। वरिष्ठ वनाधिकारियों द्वारा वनाग्नि नियंत्रण कार्यवाही के क्षेत्र भ्रमण/अनुश्रवण की दैनिक रिर्पाेट मुख्यालय को उपलब्ध करायी जा रही है।

प्राप्त फायर अलर्ट को तत्काल वाट्सअप गु्रपस में पोस्ट कर तत्काल सम्बन्धित क्रू-टीम को मौके पर भेज कर रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम वनाग्नि को नियंत्रित किया जा रहा है।

प्राप्त लार्ज फोरेस्ट फायर अलर्ट पर विशेष मॉनिटरिंग करते हुए कम से कम समय में वनाग्नि को नियंत्रित किया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वनाग्नि नियंत्रण में सक्रिय वन पंचायतों/वनाग्नि प्रबन्धन समितियों/ महिला मंगल दलों/ युवा मंगल दलों की भी सहायता ली जाए।

  • प्रत्येक चारधाम रूट पर मोबाइल क्रू-टीम तैनात की गई।
  • वनाग्नि नियंत्रण हेतु प्रत्येक जिलाधिकारी को 5 करोड़ का बजट आवंटित ।
  • पोर्टेबल पम्पों वालें छोटे आकार में वॉटर टैंकर की सहायता से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आग बुझाई जाएगी ।
  • भारी संख्या में आग बुझाने वाले सिलेण्डरों की व्यवस्था तत्काल  ।
  • आईआईटी रूड़की के साथ क्लाउड सीडिंग के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
  • फॉरेस्ट एक्ट, वाइल्ड लाइफ एक्ट, गैंगस्टर एक्ट तथा हाल ही में उत्तराखण्ड में पारित पब्लिक प्राइवेट प्रोपर्टी डेमेज रिकवरी एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही, संपत्ति भी की जाएगी जब्त।
  • अभी तक वनाग्नि की घटनाओं में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, चार लोग गिरफ्तार ।
  • वन विभाग के मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया गया एवं फील्ड हेतु प्रस्थान।
  • राज्य में खेतों में चारे आदि को जलाने तथा शहरी क्षेत्रों पर ठोस कचरे को जलाने पर पूरी तरह बैन ।
  • वन विभाग में तैनात 4000 फायर वॉचरस के इंश्योरेंस की कार्यवाही शुरू।
  • युवा मंगल दल, महिला मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों, वॉलियटर्स, पीएससी जवान, होम गार्डस व पीआरडी जवान भी वनाग्नि नियंत्रण में कार्य करेंगे। 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा वनाग्नि नियंत्रण हेतु प्रत्येक जिलाधिकारी को 5 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया है।

जिलाधिकारियों की पूरी टीम जिसमें जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी, डीएफओं, पुलिस अधिकारियों व फायर वॉचर्स मौके पर वनाग्नि बुझाने के कार्य पर निरन्तर लगे हुए हैं।

इसमें अतिरिक्त सहायता युवा मंगल दल, महिला मंगल दल, स्वयं सहायता समूहों, वॉलियटर्स, पीएससी जवान, होम गार्डस व पीआरडी जवानों को भी इस कार्य में लगाया जाएगा।

आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा जल्द ही छोटे आकार में वॉटर टैंकर क्रय किए जाएगे, जिनकी सहायता से आसानी से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पोर्टेबल पम्पों की सहायता से आग बुझाई जा सकेगी। आग बुझाने वाले सिलेण्डरों की व्यवस्था भी तत्काल की जा रही है।

डीजीपी श्री अभिनव कुमार ने बताया कि जिन स्थानों पर आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं, वहाँ पर वन विभाग के अधिकारी, एसडीएम एवं स्थानीय पुलिस बल की सयुंक्त टीम द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु एक एसओपी बनाई गई है।

इसके तहत पहले फॉरेस्ट एक्ट, वाइल्ड लाइफ एक्ट अर्न्तगत कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही हाल ही में उत्तराखण्ड में पारित पब्लिक प्राइवेट प्रोपर्टी डेमेज रिकवरी एक्ट के तहत भी कार्यवाही की जाएगी।

जो लोग बार-बार इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त पाए जाते हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी तथा दोषियों की सम्पति भी जब्त करने की कार्यवाही की जाएगी।

अभी तक वनाग्नि की घटनाओं में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। जिनमें से चार लोगों को गिरफतार कर लिया गया है। अभी तक वनाग्नि के कारण किसी भी मानव या वन्य जीवन की हानि की जानकारी नही है।

अपर प्रमुख वन संरक्षक श्री निशान्त वर्मा ने बताया कि वन विभाग के मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी नामित कर दिया गया है तथा सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा फील्ड हेतु प्रस्थान किया जा चुका है।

वन विभाग में कार्यरत लगभग 4000 फायर वाचर्स की इन्शोरेन्स की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों में एनडीआरएफ भी लगाई जाएगी।

हैलीकॉप्टर से वनाग्नि प्रभावित इलाकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जिलाधिकारियों द्वारा खेतों में चारे आदि को जलाने तथा शहरी क्षेत्रों पर ठोस कचरे को जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध का आदेश पारित कर दिया गया है।

जिन गांवों के आसपास कोई वनाग्नि की घटनाएं नही हुई उन्हें पुरूस्कृत किया जाएगा। आईआईटी रूड़की के साथ क्लाउड सीडिंग के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।

बैठक में डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिव डा0 रंजीत कुमार सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक श्री निशान्त वर्मा, सचिव श्री दिलीप जावलकर सहित विभिन्न सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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