बारिश ने फिर बढ़ाई चिंता : प्रदेश के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी शनिवार (आज ) हल्की बारिश हो सकती है।जबकि कुमाऊं के कुछ जिलों में मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से बारिश का अलर्ट जारी किया गया। खासकर नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ हिस्सों में गर्जन के साथ भारी से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बताते चलें कि बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन(अवदाब) सिस्टम से उत्तराखंड के मौसम में अचानक से आए बदलाव के चलते दो दिन तक लगातार बारिश हुई। दो दिनों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो शुक्रवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री गिरावट के साथ 24.8 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को भी यहां का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री गिरावट के साथ 27 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि दोनों ही दिन रात के तापमान में कोई खास असर नहीं देखा गया। बारिश और मलबा आने से राज्य में 324 मार्ग बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सबसे अधिक 57 मार्ग पौड़ी जिले में बंद हैं। नैनीताल में 56, चमोली में 50, पिथौरागढ़ में 42, चंपावत में 39, अल्मोड़ा, टिहरी और रुद्रप्रयाग में 17-17, देहरादून में 13, बागेश्वर में नौ, उत्तरकाशी में पांच, ऊधमसिंह नगर दो सड़कें बंद है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे मार्ग खोलने में समस्या आ रही है। कई जगह मार्ग खोला गया, पर बाद में भूस्खलन से फिर बंद हो गया।
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष दीपक यादव कहते हैं कि अभी तक इतनी बड़ी संख्या में मार्ग बंद नहीं हुए थे। सुरक्षा के पहलू को ध्यान में रखते हुए मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को 62 मार्ग खोले भी गए। वहीं, टिहरी बांध का जल स्तर 827.32 मीटर पर पहुंच (बांध का अधिकतम जल स्तर – 830 मीटर है) गया।