महाकुम्भ में प्रधानमंत्री का दिखा अनोखा रूप : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगभग 5500 करोड़ रुपए की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संगम की पावन भूमि प्रयागराज को नमन किया और महाकुंभ में भाग लेने वाले संतों और साध्वियों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कर्मचारियों, श्रमिकों और सफाई कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से महाकुंभ को सफल बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े समागमों में से एक है जहां 45 दिनों तक चलने वाले महायज्ञ के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाता है और इस अवसर के लिए एक नया शहर बसाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज की धरती पर एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगले वर्ष होने वाला महाकुंभ, देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को नए शिखर पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि एकता के ऐसे महायज्ञ की चर्चा पूरी दुनिया में होगी। उन्होंने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए लोगों को शुभकामनाएं दीं। भारत को पवित्र स्थलों और तीर्थों की भूमि बताते हुए मोदी ने कहा कि यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा और कई अन्य असंख्य नदियों की भूमि है। प्रयाग को इन नदियों के संगम, संग्रह, समागम, संयोजन, प्रभाव और शक्ति के रूप में वर्णित करते हुए, कई तीर्थ स्थलों के महत्व और उनकी महानता के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयाग सिर्फ तीन नदियों का संगम नहीं है, बल्कि उससे भी कहीं अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्षय वट कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर और भारद्वाज ऋषि आश्रम कॉरिडोर इस दृष्टि को दर्शाते हैं जबकि सरस्वती कूप, पातालपुरी, नागवासुकी और द्वादश माधव मंदिर जैसे स्थलों को भी तीर्थयात्रियों के लिए पुनर्जीवित किया जा रहा है।प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि निषादराज की भूमि प्रयागराज ने भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भगवान राम और केवट का प्रसंग हमें प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि महाकुंभ से निकलने वाली सामूहिक और आध्यात्मिक ऊर्जा विकसित भारत के प्रति राष्ट्र के संकल्प को और मजबूत करेगी। उन्होंने कुंभ स्नान को ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनाने की कामना की और गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम के माध्यम से मानवता के कल्याण की प्रार्थना की। अपनी शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों का प्रयागराज की पवित्र नगरी में स्वागत किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज की यात्रा की और संगम नोज व अक्षय वट वृक्ष पर पूजा-अर्चना की। उसके बाद हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में दर्शन-पूजन किया। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का भी दौरा किया।प्रधानमंत्री ने महाकुंभ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें प्रयागराज में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) या फ्लाईओवर, स्थायी घाट तथा रिवरफ्रंट सड़कें जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।
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स्वच्छ और निर्मल गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री ने गंगा नदी की ओर जाने वाले छोटे नालों को रोकने, मोड़ने और उनकी सफाई करने की परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। उन्होंने पेयजल और बिजली से संबंधित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।प्रधानमंत्री ने प्रमुख मंदिर गलियारों का उद्घाटन किया जिसमें भारद्वाज आश्रम गलियारा, श्रृंगवेरपुर धाम गलियारा, अक्षयवट गलियारा, हनुमान मंदिर गलियारा आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं से मंदिरों तक श्रद्धालुओं की पहुंच आसान होगी और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कुंभ सहायक चैटबॉट लॉन्च किया जो महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं को कार्यक्रमों के बारे में मार्गदर्शन और अपडेट प्रदान करेगा।