उत्तराखंड मेंअब ऑनलाइन मिलेंगे प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप :- उत्तराखंड सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए भवन निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। अब राज्य में घर या भवन बनाने वालों को प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप की सुविधा उपलब्ध होगी। इच्छुक आवेदक इन डिजाइन मैप्स को ऑनलाइन माध्यम से आसानी से प्राप्त कर सकेंगे, जिससे नक्शा स्वीकृति के दौरान होने वाली जटिलताओं और समय की बर्बादी से निजात मिलेगी।
प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया में आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण को व्यवस्था लागू करने के साथ-साथ सभी विकास प्राधिकरणों को इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार की जाएगी, ताकि लोग आसानी से आवेदन कर सकें और उन्हें तकनीकी अड़चनों का सामना न करना पड़े। सरकार का मानना है कि इस पहल से पारदर्शिता बढ़ेगी, समय की बचत होगी और लोगों को घर बनाने की प्रक्रिया में बड़ा लाभ मिलेगा।
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उत्तराखंड सरकार ने भवन निर्माण की अनुमति प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब राज्य में ईज एप (EASE App) के जरिए आवेदक को प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप उपलब्ध होंगे। इससे बिना किसी अतिरिक्त झंझट और भागदौड़ के भवन निर्माण की अनुमति आसानी से मिल सकेगी।
आवास विभाग ने इसके लिए पहले ही 815 प्री-अप्रूव्ड नक्शे तैयार कर लिए हैं, जिन्हें अब ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इन तैयार नक्शों का इस्तेमाल कर लोग सीधे घर बनाने की अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। नई व्यवस्था से नक्शा पास कराने की जटिल प्रक्रिया और बाधाएं खत्म होंगी। हालांकि विभाग ने स्पष्ट किया है कि भवन निर्माण का कार्य निर्धारित शर्तों और उपबंधों के अनुसार और चयनित प्री-अप्रूव्ड मैप के अनुरूप ही होना चाहिए।
नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर विभाग की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि नक्शे से अलग निर्माण पाया गया तो संपूर्ण जिम्मेदारी आवेदक की होगी और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। नई व्यवस्था के तहत प्राधिकरण की वेबसाइट और सुरक्षा पोर्टल पर स्वप्रमाणन के आधार पर ही भवन निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
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आवेदकों को यह प्रमाणित करना होगा कि उनका निर्माण कार्य अनुमोदित नक्शे के अनुसार हो रहा है। इस पहल से आमजन को न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि नक्शा डिजाइन कराने की अलग से आवश्यकता भी नहीं रहेगी। सरकार का दावा है कि इस कदम से भवन निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी

