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प्रशांत कुमार बने UP के कार्यवाहक डीजीपी....

UP once again got an acting DGP.

उत्तर प्रदेश : यूपी को एक बार फिर कार्यवाहक DGP मिला है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी विजय कुमार बुधवार 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए।

उनके स्थान पर एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर तैनात IPS अधिकारी प्रशांत कुमार को प्रदेश सरकार ने UP पुलिस का कार्यवाहक DGP बनाया है।

राज्य सरकार ने प्रदेश में लगातार चौथे कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की है।

प्रदेश की योगी सरकार ने आज यूपी पुलिस की कमान एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को सौंप दी है।

उन्हें यूपी पुलिस का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है।

डीजीपी की रेस में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबंत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा शामिल थे।

आपको बता दें कि योगी सरकार में इससे पहले आईपीएस अधिकारी डीएस चौहान, आर.के. विश्वकर्मा और विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा चुका है।

यूपी पुलिस को अभी भी कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाना पड़ रहा है। आपको बता दें कि चेतना मंच ने पहले ही यह संभावना जताई थी कि उत्तर प्रदेश को एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी मिलेगा।

वर्ष 2018 से शुरू हुआ यूपी में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) का सिलसिला एक बार फिर जारी रहेगा।

लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला कर लिया है कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक DGP से ही काम चलाया जाएगा।

आपको बता दें कि वर्ष 2018 से ही उत्तर प्रदेश में काम चलाऊ कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा है।

पिछले 6 साल की सिलसिलेवार बात करें तो 16 अप्रैल 2017 को प्रदेश में जावीद अहमद को हटाकर सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया।

सुलखान सिंह इसी साल सितंबर में रिटायर हो रहे थे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले उन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया और उनका कार्यकाल 31 दिसंबर तक हो गया।

दिसंबर में ही यूपी सरकार ने केंद्र को पैनल भेजा, जिसमें सीआईएसएफ के डीजी रहे ओपी सिंह का नाम सामने आया।

ओपी सिंह को ज्वाइन करने में करीब 20 दिन का समय लग गया, तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।

22 जनवरी 2018 को ओपी सिंह ने कार्यभार संभाला।

ओपी सिंह यूपी में दो साल तक डीजीपी रहे, वह 31 जनवरी 2020 को रिटायर हुए।

इसके बाद फिर से प्रदेश में डीजीपी की खोज शुरू हुई तब तक हितेश चंद्र अवस्थी को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया।

आखिरकार 4 मार्च को हितेश चंद्र अवस्थी ही फुल टाइम डीजीपी बने। वह भी करीब एक साल से ज्यादा इस पद पर रहे और 30 जून 2021 को रिटायर हो गए।

फिर मुकुल गोयल डीजीपी बने, लेकिन साल भर बाद 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को हटा दिया गया और 13 मई को देवेंद्र सिंह चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया।

धीरे-धीरे 2023 आ गया और मार्च में डीएस चौहान भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहते हुए रिटायर हो गए।

उनके रिटायरमेंट के बाद भी डीजीपी के लिए कोई उचित चेहरा नहीं मिला और आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया।

दो महीने बाद ही 31 मई 2023 को आरके विश्वकर्मा रिटायर हो गए।

इसके बाद एक जून 2023 को डीजी विजिलेंस विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। वह दोनों पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

 

 

 

 

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