उत्तराखण्ड
Trending

"उत्तराखंड में निकाय चुनावों के तय समय पर विलंब की संभावना"

"Reasons behind the possibility of postponing civic elections in Uttarakhand"

उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल पांच दिसंबर को पूरा हो रहा है। हालात इशारा कर रहे हैं कि निकाय चुनाव समय पर संभव नहीं हैं।

ऐसे में पांच दिसंबर के बाद निकायों की बागडोर सरकारी अफसरों के हाथों में आ जाएगी।

राज्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि आयोग को वार्डों के परिसीमन और आऱक्षण का इंतजार है।

आयोग को शासन स्तर से प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है।

यह काम पूरा होने के बाद आयोग मतदाता सूची बनाने का काम शुरू करेगा।

भट्ट ने इस बात कोई जवाब नहीं दिया कि क्या निकाय चुनाव तय समय से आगे बढ़ेगे।

लालफीताशाही में फंसी परिसीमन और आरक्षण की पत्रावली, 5 दिसंबर को खत्म हो रहा है निकायों का कार्यकाल।

सूत्रों के मुताबित, सरकार की मंशा निकाय चुनावों को टालने की है। सरकार का पहला फोकस लोकसभा चुनाव का है।

लोकसभा चुनाव संभवतयः अप्रैल में होगे और नतीजे मई माह में आएगें।

ऐसे में उत्तराखंड में निकाय चुनाव अब मई-2024 के बाद ही संभव है।

निकायों का कार्यकाल खत्म होते वहां अफसरों की तैनाती बतौर प्रशासक कर दी दी जाएगी।

निकाय चुनाव के लिए सरकारी मशीनरी की तैयारियां न के बराबर हैं। जबकि कार्यकाल खत्म होने में दो महीने से कम का ही वक्त बचा है।

बताया जा रहा है कि इसमें देरी की वजह लालफीताशाही है। शासन को सभी निकायों में परिसीमन और आरक्षण का निर्धारण करना है। यह काम अभी तक नहीं किया गया।

 

 

 

Related Articles

Back to top button