प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें संसद का विशेष सत्र भी शुरू हो गया है। इस बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है, और उसके तहत महिलाओं के लिए 33% सीटों का आरक्षण को मंजूरी दी गई है।
जानकारी के अनुसार, कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है, लेकिन सरकार ने इसकी घोषणा अभी तक नहीं की है, और कैबिनेट बैठक के बाद कोई प्रेस ब्रीफिंग भी नहीं हुई है।
इससे पहले दिन में सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि यह संसद सत्र छोटी अवधि का हो, लेकिन मौके पर बड़ा और ‘ऐतिहासिक फैसलों’ वाला है।
संसद के 75 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा पर अपनी टिप्पणी में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों का योगदान बढ़ रहा है।
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रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और एससी/एसटी आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है।
पहले सूचीबद्ध विधेयकों में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है।
महिला आरक्षण बिल के बारे में बात करें तो इसे 2008 में तैयार किया गया था, लेकिन यह अब तक लोकसभा में पेश नहीं किया गया था।
संसद सत्र से पहले विपक्ष के नेताओं ने महिला आरक्षण पर जोर दिया था, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट ने भी इस पर जोर दिया था।
इस फैसले से भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति समाज की दृष्टिकोण के साथ-साथ समाज में उनके अधिक प्रतिनिधित्व की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।
इस महिला आरक्षण के बिल को गति देने से महिलाओं को राजनीति में भाग लेने का और ज्यादा मौका मिलेगा, और वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी आवाज बुलंद कर सकेंगी।
यह फैसला भी भारतीय समाज को महिलाओं के साथ उनके अधिक प्रतिनिधित्व की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने में मदद करेगा।
महिलाओं का समाज में भागीदारी बढ़ने से हमारे समाज में और भी समानता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ेगा।
केंद्र सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए 33% सीटों का आरक्षण बिल को मंजूरी देने से संसद में महिलाओं के प्रति समर्थन और आदर का संकेत है।
यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो महिलाओं को राजनीति में भाग लेने का मौका देगा और समाज में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देगा।
इसके साथ ही, यह फैसला भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो महिलाओं के साथ उनके अधिक प्रतिनिधित्व की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएगा।
इस महिला आरक्षण के बिल को गति देने से महिलाओं को राजनीति में भाग लेने का और ज्यादा मौका मिलेगा, और वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी आवाज बुलंद कर सकेंगी।
इसके साथ ही, यह फैसला भी भारतीय समाज को महिलाओं के साथ उनके अधिक प्रतिनिधित्व की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने में मदद करेगा।
महिलाओं का समाज में भागीदारी बढ़ने से हमारे समाज में और भी समानता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ेगा।
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महिला आरक्षण के बिल को गति देने से महिलाओं को राजनीति में भाग लेने का और ज्यादा मौका मिलेगा, और वे समाज के हर क्षेत्र में अपनी आवाज बुलंद कर सकेंगी।