मध्य प्रदेश के बीना में बीपीसीएल की बीना रिफाइनरी में डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स और रिफाइनरी विस्तार परियोजना की आधारशिला रखेंगे, पीएम मोदी ने देश के उद्यमियों और विनिर्माण क्षेत्र को नई ऊँचाइयों की ओर प्रेरित किया है।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बीपीसीएल ने नए भारत के अभिमानशील आकांक्षाओं के साथ-साथ मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को भी गति दी है।
इस परियोजना का निवेश करीब 49,000 करोड़ रुपये है और यह पेट्रोकेमिकल उत्पादों के उत्पादन की क्षमता को 11 एमएमटीपीए तक बढ़ाएगा। यहाँ तक कि पूरा प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होगा।
इस परियोजना के परिणामस्वरूप, बुंदेलखण्ड क्षेत्र के युवा उद्यमियों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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यह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स विभिन्न डाउनस्ट्रीम व्यावसायिक विनिर्माण इकाइयों के लिए द्वार खोलेगा, जैसे कि प्लास्टिक, पाइप, पैकेजिंग सामग्री, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, चिकित्सा उपकरण, मोल्डेड फर्नीचर, और औद्योगिक उपयोग की अन्य वस्तुओं के क्षेत्र में।
मध्य प्रदेश सरकार भी इस परियोजना को वित्तीय दृष्टि से समर्थन कर रही है, जैसे कि एसजीएसटी रिफंड, ब्याज मुक्त ऋण, और ब्याज सब्सिडी सहायता, रियायती बिजली, स्टांप शुल्क में छूट आदि के तहत।
यह निवेश न केवल 20,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत का स्रोत होगा, बल्कि 1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
इस परियोजना के अलावा, डाउनस्ट्रीम उद्योगों, सहायक और सेवा इकाइयों में बड़ी रोजगार सृजन की संभावना होती है, जिससे बुंदेलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह परियोजना भारत की आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षा के साथ-साथ भारत को विश्व भर में एक प्रमुख रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स के विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस परियोजना से न केवल पॉलिमर के उत्पादन की संभावना है, बल्कि एरोमेटिक्स (बेंजीन, टोल्यूनि और मिश्रित ज़ाइलीन) का उत्पादन भी होगा, जिसका डाउनस्ट्रीम उद्योगों, सहायक और सेवा इकाइयों में प्रमुख उपयोग होता है।
लेमिनेशन फ़िल्में, बबल और स्ट्रेच रैप्स: इन प्रोडक्ट्स का विनिर्माण बड़े पैमाने पर किया जाएगा, जिन्हें सभी सेक्टर्स में उपयोग किया जाता है।
एरोमेटिक्स (बेंजीन, टोल्यूनि और मिश्रित ज़ाइलीन): ये उत्पाद फ़िल्म, फाइबर, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, पाइप, नाली, ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में प्रमुख उपयोग होता है।
बीओपीपी फिल्में, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, फर्नीचर, घरेलू सामान, बुने हुए कपड़े: इन उत्पादों का विनिर्माण औद्योगिक कंटेनर, गैस और पानी के लिए पाइप, केबल शीथिंग, आदि क्षेत्रों में होगा।
पेट्रोकेमिकल/रसायन (स्टाइरीन, फिनोल, एसीटोन, क्यूमीन, नाइट्रोबेंजीन, एनिलिन, आदि): इन उत्पादों का उपयोग पेंट, फार्मा और ऑटोमोटिव उद्योगों में होता है।
इस परियोजना से पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक के साथ मध्य प्रदेश राज्य और पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को उत्प्रेरित किया जा रहा है, जो देश के ‘पेट्रोलियम रसायन और पेट्रोकेमिकल्स निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर)’ को स्थापित करने की सरकार की दृष्टिकोण को सक्षम करेगा।
इससे विभिन्न क्षेत्रों में बड़े निवेश को आकर्षित करने में सहायक होगा, जैसे कि फिल्म, फाइबर, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, पाइप, नाली, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, और अन्य क्षेत्रों में।
इस परियोजना से होने वाले विकास के परिणामस्वरूप, भारत के लिए नए द्वार खुलेंगे और उद्यमिओं के लिए नई ऊँचाइयों की ओर कदम बढ़ेगा।
इससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और नये भारत के सपने को हकीकत में बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
यह परियोजना भारत को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों में विश्वस्तरीय रसायनिक उत्पादों के विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे देश की आर्थिक स्वायत्ता में सहायक होगा और साथ ही भारत के उद्यमियों के लिए नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।