पंडित की बीवी ने बताया सीक्रेट्स : वैसे तो भगवान शिव से जुड़े कई ग्रंथ प्रचलन में हैं, लेकिन इन सभी में शिव महापुराण सबसे अधिक प्रमाणित है। इस ग्रंथ में भगवान शिव की महिमा का वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया है। साथ ही शिवजी को प्रसन्न करने के उपाय आदि के बारे में भी बताया गया है।
शिवपुराण की रुद्र संहिता में शिव-पार्वती के विवाह प्रसंग में विवाहित स्त्रियों के लिए कई जरूरी नियम बताए हैं। ये नियम देवी पार्वती को एक ब्राह्मण पत्नी ने विदाई के समय बताए थे। व्यवहारिक दृष्टि से वर्तमान समय में इन नियमों का पालन करना बहुत ही कठिन है। लेकिन इनमें से कुछ बातों का ध्यान भी अगर रखा जाए तो वैवाहिक जीवन की खुशहाली बनी रह सकती है।
1. पत्नी को अपने पति की गुप्त बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए। पति के बिना किसी मेले, उत्सव आदि में नहीं जाना चाहिए। अगर ऐसी स्थिति बने तो पहले पति से जरूर पूछना चाहिए।
2. विवाहित महिला को घर के दरवाजे पर अधिक देर तक नहीं खड़ा रहना चाहिए। पति के घर में आते ही उसे भोजन-पानी आदि से संतुष्ट करना चाहिए।
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3. बिना अधिक खर्च किए परिवार का पालन-पोषण करना चाहिए। अगर कोई मेहमान आए तो उसका आदर-सत्कार ठीक से करना चाहिए।
4. विवाहित महिला को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे पति के मन में कोई दुख या विषाद उत्पन्न हो। पति प्रसन्न हो, ऐसे काम करना चाहिए।
5. शिवपुराण के अनुसार, पत्नी को पति के सामने सज-संवरकर जाना चाहिए। ऐसा करने से पति की उम्र बढ़ती है।6. यदि घर में किसी वस्तु की आवश्यकता आ पड़े तो अचानक ये बात नहीं कहनी चाहिए, बल्कि पहले पति का मन टटोलना चाहिए, इसके बाद ही उसे इस बारे में बताना चाहिए।
7. शिवपुराण के अनुसार, जो महिला अपने पति को बाहर से आते देख अन्न, जल से उसकी सेवा करती है, मीठी बातें बोलती हैं, वह तीनों लोकों को संतुष्ट कर देती है।
8. अगर कोई अन्य महिला पति से द्वेष की भावना रखती है तो उस स्त्री कभी अकेले नहीं खड़ा रहना चाहिए।
9. पति अगर बीमार या बूढ़ा हो तो भी पत्नी को उसका पूरा ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में पत्नी ही उसका एकमात्र सहारा होती है।
10. शिवपुराण के अनुसार जो महिला इन बातों का ध्यान रखती है वह अपने पिता के कुल का भी उद्धार करती है।