मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिखा, अब माणा देश का आखिरी नहीं बल्कि प्रथम गांव के रूप में जाना जाएगा।
उन्होंने कहा, पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांव माणा में उसे देश के प्रथम गांव के रूप में संबोधित किया था और हमारी सरकार सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव समर्पित है।
इक्कीस अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने मुख्यमंत्री द्वारा माणा को भारत का अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा था कि अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है।
उन्होंने कहा था, पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था।
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हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया।
लोग माणा आएं, यहां डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा रहा है।
माणा गांव बदरीनाथ के पास स्थित है और बदरीनाथ दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु पर्यटन के लिए माणा गांव तक जाते हैं।
इसी गांव में मां सरस्वती का एक मंदिर है।
इस मंदिर में माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित है और श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
मां सरस्वती की मूर्ति गुफा में मौजूद है।
इस मंदिर की एक छोटी-सी वीडियो क्लिप उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट की है।
उन्होंने लिखा है-विद्या की देवी मां सरस्वती का मंदिर भारत के प्रथम गांव माणा (चमोली) में स्थित है।
मान्यता है कि महाभारत काल में इसी स्थान से पांडवों ने स्वर्गारोहण किया था।
मंदिर के निकट की सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी है।
उन्होंने आगे लिखा है कि अपने चमोली भ्रमण के दौरान इस दिव्य स्थान के दर्शन अवश्य करें।
ऐसी मान्यता है कि यहीं देवी सरस्वती पहली बार प्रकट हुई थी।
सरस्वती माता मंदिर के ठीक बाहर सरस्वती जलधारा है।
माणा में भीम ने चट्टान को फेंककर बनाया था पुल:
माणा गांव बद्रीनाथ धाम से महज तीन किमी दूर है।
इस गांव से थोड़ा आगे भीम पुल है।
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि पांडव स्वर्ग को इसी गांव से होकर गुजरे थे।
यहीं भीम ने चट्टान को फेंककर पुल बनाया था।
सर्दियों में यह गांव बर्फ से ढक जाता है और यहां के लोग निचले इलाके में आ जाते हैं।
यह पूरा इलाका सर्दियों में बर्फ की मोटी-मोटी चादरों से ढक जाता है और सर्दी खत्म होने के बाद वापस लोग इस गांव में लौटते हैं।
यह गांव चारों तरफ से हिमालय की पहाड़ियों से घिरा है।
यहां आपको सामने बर्फ से ढका हुआ हिमालय दिखेगा जिसकी चोटियां इतनी चमकीली हैं कि आप मोहित हो जाएंगे। यहां का वातावरण बेहद साफ-सुथरा है।