29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था। जिसके बाद वह वहां फंस गए थे।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के दौरान मौसम खराब होने के चलते रास्ता भटकने से नौ ट्रैकरों ने जान गंवा दी। सूचना मिलने पर प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 13 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाल लिया। इनमें से 11 को एयरलिफ्ट किया गया था। दो को वन विभाग की टीम पैदल लेकर पहुंची। पांच के शव बुधवार को ही मिल गए थे, जबकि लापता चार ट्रैकर्स के शव आज भटवाड़ी लाए गए। रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त होने पर एसडीआरएफ की टीम भी उत्तरकाशी पहुंच गई है।
टीम के अनुसार, आज वेंकटेश प्रसाद (53), पदमांधा कृष्णमूर्ति (50), अनिता रंगप्पा (60) और पद्मिनी हेगड़े (34) के शव लाए गए हैं। जबकि सिंधु वाकेलाम, आशा सुधाकर, सुजाता मुंगरवाडी, विनायक मुंगुरवाडी और चित्रा प्रणीत के शव बुधवार को लाए गए थे।
सुरक्षित निकाले गए ट्रैकर्स
1.सौम्या कनाले
2.स्मृति डोलस
3.शीना लक्ष्मी
4.एस शिवा ज्योति
5.अनिल जमतीगे अरुणाचल भट्ट
6.भारत बोम्मना गौडर
7.मधु किरण रेड्डी
8.जयप्रकाश बीएस
9.एस सुधाकर
10.विनय एमके
11.विवेक श्रीधर
12.नवीन ए
13.रितिका जिंदल
- Advertisement -
बीते 29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था। दो जून को दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा था। इनमें से 20 ट्रैकर्स तीन जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अचानक मौसम खराब होने से घने कोहरे और बर्फबारी के बीच सभी फंस गए। समुचित व्यवस्था नहीं होने से पूरी रात उन्हें ठंड में काटनी पड़ी थी। जिसके चलते नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई।