मसूरी मॉल रोड अब होगा आंदोलनकारी मॉल रोड :- उत्तर प्रदेश से पृथक कर अलग पहाड़ी राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे राज्य आंदोलनकारियों पर मसूरी में पुलिस ने 31 साल पहले दो सितंबर को गोलियां चलाई गई थी. पुलिस की गोली से कई राज्य आंदोलनकारी मारे गए थे. इस बलिदान को याद करने के लिए हर साल मसूरी शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि दी जाती है. इस बार का कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं रहा. यह सियासी आरोप-प्रत्यारोप और तीखे नारों का मंच भी बन गया. वहीं इस मौके पर सीएम धामी ने बड़ी घोषणा भी की।
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इस अवसर पर सीएम धामी ने जहां आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीं मसूरी के विकास और सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए मॉल रोड का नाम बदलकर आंदोलनकारी मॉल रोड रखने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोड केवल एक सड़क नहीं, बल्कि उस आंदोलन की मूक गवाह है, जिसने उत्तराखंड राज्य को जन्म दिया.सीएम धामी ने कहा कि भवन को संस्कृति, इतिहास और विरासत का केंद्र बनाया जाएगा. यह भवन आंदोलन की भावना, पहाड़ की बोली और संस्कृति का जीवंत प्रतीक बनेगा।
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मसूरी के शहीद स्मारक पर शहीद बलबीर सिंह नेगी, बेलमती चौहान, हंसा धनाई, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी और मदन मोहन ममगई को मुख्यमंत्री ने नमन करते हुए उनके परिवारों को सम्मानित किया. सीएम धामी ने 2 सितंबर 1994 को उत्तराखंड के इतिहास का काला दिन बताया, जब निहत्थे आंदोलनकारियों पर पुलिस की गोलियां बरसी थीं. मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार उत्तराखंड आंदोलनकारियों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी की जन्मशताब्दी को भव्य तरीके से मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के अग्रणी नेता स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की जन्मशताब्दी को भव्य स्तर पर मनाया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ा जा सके।

