इस परिस्थिति में, उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अलर्ट मोड पर रहने की सलाह दी है, ताकि आपदा के समय सुरक्षा और राहत कार्य तेजी से हो सके।
मुख्यमंत्री ने अपने निर्देशों में जिलाधिकारियों को अतिवृष्टि की स्थिति के दृष्टिगत जिला प्रशासन को तत्परता से अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश दिए हैं।
यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि जब अतिवृष्टि का संकेत मिले, तो संबंधित प्राधिकृत अधिकारियों का सही समय पर कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं होती है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत सभी सहयोगी संस्थाओं से सजग रहने का आदेश दिया है।
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यह सुनिश्चित करेगा कि आपदा के समय राहत कार्य और जरूरी सामग्री की आपूर्ति तेजी से हो सके।
मुख्यमंत्री ने उन जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं जिनके प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों में बसने वाले लोग रहते हैं।
उन्होंने उनसे पहले से ही उपलब्ध व्यवस्थाओं का सुनिश्चित करने का आदेश दिया है, ताकि वे आपदा के समय तत्परता से सुरक्षित रह सकें।
आपदा प्रबंधन सचिव से मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए हैं कि वे जिलाधिकारियों से निरंतर संपर्क बनाए रखें, ताकि उनके पास आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत जनपदों की आवश्यकताओं का सही समय पर अदान-प्रदान हो सके।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से निर्देश दिए हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़कों, पेयजल, विद्युत और अन्य आवश्यक सेवाओं की बाधित स्थिति के समय, उन्हें तत्परता से सुधार कार्यों की शुरुआत करनी चाहिए।
यह सुनिश्चित करेगा कि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है और उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते सुरक्षित रहने के उपायों की महत्वपूर्ण दिशा में कदम उठाए हैं।
यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि आपदा के समय प्रदेश की जनता को चाहिए सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी तथा सही समय पर कार्रवाई करने की स्थिति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।