ऐसी ही कुछ तस्वीर विकासनगर के उदावा गांव से सामने आई है।
यहां ग्रामीणों ने डंडी कंडी के सहारे करीब 8 किमी पैदल चलकर बीमार व्यक्ति को मुख्य मार्ग तक पहुंचाया।
सरकार जहां विकास के दावों का ढोल पीट रही है, वहीं उदवा गांव की यह तस्वीर सरकार के दावों की हवा निकाल रही है।
गौरतलब हो कि जौनसार बावर में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जो सड़क मार्ग से नहीं जुड़े हैं।
- Advertisement -
उन गांवों में एक उदावा गांव भी है।
ऐसे में गांव में जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो ग्रामीणों को मुख्य सड़क तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
ऐसी ही कुछ तस्वीर चकराता तहसील के उदावा गांव से सामने आई है।
यहां गांव के नागचंद चौहान की तबीयत अचानक बिगड़ गई।
तबीयत खराब होने के कारण वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गया।
ऐसे में डंडी कंडी से करीब 8 किमी पैदल चलकर ग्रामीण नागचंद को मुख्य मार्ग पर ले गए।
इससे पहले जुलाई 2022 में उदावा गांव के मुन्ना सिंह चौहान ने भी ऐसी ही एक तस्वीर अपने फेसबुक पर अपलोड की थी।
गांव को सड़क से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व चकराता विधायक प्रीतम सिंह व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान सहित कई जनप्रतिनिधियों को टैग किया गया था।
उन्होंने उस वीडियो में अपना दर्द बयां करते हुए जनप्रतिनिधियों से सड़क के लिए आग्रह किया।
लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक ग्रामीणों को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा जा सका है.
इससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
गांव में 22 परिवार रहते हैं। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से गांव तक जल्द सड़क बनवाने की मांग की है।