नई दिल्ली । गृह मंत्रालय (एमएचए) ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी और मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में हुए कथित अमानवीय व्यवहार के आरोपों पर महाराष्ट्र सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय का यह कदम लोकसभा विशेषाधिकार और आचार समिति द्वारा इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगने के बाद आया है।
सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी मुंबई में सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी पर 24 घंटे के भीतर महाराष्ट्र सरकार से ब्योरा मांगा था।
मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद, राणा ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर कहा था कि शनिवार को उनकी ‘अवैध’ गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था।
अपने पत्र में, निर्दलीय विधायक ने मुंबई पुलिस पर उन्हें हिरासत में पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं कराने और जाति के आधार पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
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नवनीत राणा और उनके पति एवं निर्दलीय विधायक रवि राणा को शनिवार को उनके मुंबई स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था। राणा दंपति ने बांद्रा में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ने की घोषणा की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
इस घोषणा ने भारी विवाद पैदा कर दिया था और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में उनके घर के बाहर विरोध जताया।
‘हनुमान चालीसा’ के जाप की घोषणा जाहिर तौर पर शिव सेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पूजा स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के मुद्दे पर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
राणा दंपति पर मुंबई पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें रविवार को खार कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उनकी जमानत याचिका और प्राथमिकी रद्द करने की याचिका सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।