अस्मा बतूल की कविता पर ईशनिंदा का आरोप : कोलकाता रेप कांड के बाद महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर ब्लॉगर ने आवाज उठाई थी, उसे ईशनिंदा के आरोप में जेल में डाल दिया गया।
कोलकाता रेप कांड के बाद महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर पाकिस्तानी एक महिला ब्लॉगर को सोशल मीडिया पर कविता लिखना महंगा पड़ गया. उसे ईशनिंदा के आरोप में जेल में डाल दिया गया. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में रहने वाली ब्लॉगर अस्मा बतूल ने महिलाओं के उत्पीड़न पर सलमान हैदर की एक कविता शेयर की।
सोशल मीडिया पर पर लिखा, ‘खुदा, भगवान या ईश्वर, सब मौजूद वे, जब रेप हुआ. फेसबुक के अलावा उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में एक और कविता सुनाई. इसके बाद कई मौलवियों ने अस्मा पर अल्लाह का अपमान करने का लगाया. उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया था. बाद में पुलिस ने उन्हें ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना के बाद उनके घर पर भीड़ ने हमला किया, जिसके कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए. इसमें कुछ मौलवी भी दिखाई दे रहे हैं. अस्मा के परिवार ने पुलिस को शिकायत दी है. पीड़ितों ने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी देकर घर में आग लगाने का प्रयास किया गया।
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वहीं, कुछ लोग ब्लॉगर के पक्ष में हैं. वे उसकी रिहाई की मांग कर रहे हैं. एक पत्रकार ने एक्स पर लिखा कि अस्मा बतूल को सोशल मीडिया पर कविता शेयर करने के लिए ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, आप माने या ना माने यह पाकिस्तान है।
अस्मा बतूल की कविता पर ईशनिंदा का आरोप
अस्मा बतूल सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रही हैं, इसलिए उनके फैन भी काफी ज्यादा हैं. वह हमेशा से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ आवाजें उठाती रही हैं।
ऐसे में एक यूजर ने एक्स पर लिखा, मैं उनके इकबाल की खोज का इंतजार नहीं कर सकता और ये जानने का भी कि ये ईशनिंदा कैसे है।
यह घृणित है और मैं सचमुच यह नहीं समझ पा रहा हूं कि हम इसे कैसे पलट सकते हैं. वहीं, मानवाधिकार को लेकर काम करने वाली गुलालाई ने भी उनकी गिरफ्तारी की निंदा की।
उन्होंने लिखा कि ईशनिंदा कानून नया राजद्रोह कानून है, जिसे असहमत लोगों को दंडित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. अब पाकिस्तान में इस मामले को काफी तूल पकड़ लिया है।