नवरात्रि में पूरे नौ दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है. जानते हैं कि किस राशि के लोगों को मां के किस रूप की आराधना करनी चाहिए।
नवरात्रि के नौ दिनों में मां भगवती की पूजा, अर्चना स्तुति की जाती है. मां भगवती को नव दुर्गा कह कर पूजा जाता है, क्योंकि उनके नौ रूप हैं।
मां के ये 9 रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं ।
नवरात्रि में देवी के इन नौ रूप के साथ भगवती की दस महाविद्या की भी पूजा की जाती है. जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करके तरक्की पाने के लिए आपको अपनी राशि के अनुसार देवी के रूप की पूजा करनी चाहिए।
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आइये जानते हैं कि आपको अपनी राशि के अनुसार देवी की किस महाविद्या की पूजा अर्चना करनी चाहिए जो आपको शुभ फल प्रदान करें।
मेष : मेष राशि वालों को नव दुर्गा में देव शैल पुत्री और महाविद्या में देवी तारा की पूजा करना शुभ फलदायी रहता है।
वृषभ : वृषभ राशि वाले महाविद्या में देवी त्रिपुर सुन्दरी व नवदुर्गा में देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए।
मिथुन : इस राशि वालों को महाविद्याओं में देवी भुवनेश्वरी व नवदुर्गा में देवी चन्द्रघंटा की आराधना करना श्रेष्ठ है।
कर्क : कर्क राशि के लोग नवदुर्गा में देवी चन्द्रघंटा व महाविद्याओं में देवी भुवनेश्वरी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
सिंह : सिंह राशि के लिए महाविद्या में देवी बग्लामुखी व नव दुर्गा में देवी कालरात्रि का पूजन करना चाहिए।
कन्या : कन्या राशि के लिए महाविद्याओं में देवी भुवनेश्वरी व नव दुर्गा में देवी चन्द्रघंटा की पूजा विशेष फलदायी होगी।
तुला : जिनकी राशि तुला हैं उनके लिए महाविद्याओं में देवी त्रिपुर सुंदरी व नवदुर्गा में देवी ब्रह्मचारिणी का पूजन करना चाहिए ।
वृश्चिक : वृश्चिक राशि के लिए महाविद्या में देवी तारा व नवदुर्गा में देवी शैलपुत्री की पूजा फलदायी रहती है।
धनु : धनु राशि के लिए महाविद्याओं में देवी तारा व व नवदुर्गाओं में देवी शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए।
मकर : मकर राशि वालों के लिए महाविद्याओं में देवी कमला, नवदुर्गा में देवी सिद्धिदात्री का पूजन करना चाहिए।
कुंभ : कुंभ राशि के लिए महाविद्याओं में देवी काली नवदुर्गा में सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए।
मीन : इस राशि के लिए महाविद्याओं में देवी कमला तथा नवदुर्गा में देवी सिद्धिदात्री के रूपों की पूजा वंदना स्तुति करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।