आलस में रोका पेशाब तो फट जायेगा ब्लैडर : आम जीवन में कई ऐसी छोटी सी गलती होती है जो हो तो जाती है लेकिन उसका दुष्परिणाम हमें लम्बे समय का दर्द दे जाता है। लेकिन उस तरफ शायद हमारा ध्यान ही नहीं जाता है। ऎसी ही एक आदत होती है पेशाब आने पर उसको अंतिम समय तक रोकने की , ये हमारे आलस और व्यस्तता की वजह से भी हो सकती है लेकिन इसका नतीज़ा खतरनाक हो सकता है। मीडिया में ऐसे ही अहम सवालों के साथ एक्सपर्ट ने जवाब दिया है जो हम सबको ज़रूर जानना चाहिए। आइये आपको बताते हैं वो क्या सवाल है जिसका जवाब हमे मालूम होना ही चाहिए।
सवाल- आखिर लोग यूरिन होल्ड करते क्यों हैं?
जवाब- अक्सर मजबूरी में ही लोग यूरिन होल्ड करते हैं, जैसे लोको पायलट जिनके लिए इंजन में टॉयलेट नहीं होता है। हर व्यक्ति के पास ऐसा करने के अलग-अलग कारण होते हैं। ज्यादातर लोग साफ टॉयलेट की कमी की वजह से यूरिन होल्ड करते हैं। इस समस्या का सामना महिलाओं को ज्यादा करना पड़ता है। सफर करते हुए ट्रेन के गंदे टॉयलेट या बस से लंबी दूरी तय करनी पड़ जाए तो महिलाओं को लंबे समय के लिए यूरिन होल्ड करना पड़ता है। इसके अलावा कई बार लोग आलस में या व्यस्तता के चलते टॉयलेट नहीं जा पाते और अपने ब्लैडर पर दबाव बढ़ाते रहते हैं। बच्चे अक्सर खेलने या टीवी देखने के चक्कर में यूरिन रिलीज नहीं करते हैं।
सवाल- कुछ देर के लिए यूरिन होल्ड करने में प्रॉब्लम क्या है?
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जवाब- शरीर के टॉक्सिन, हानिकारक बैक्टीरिया और गैरजरूरी सॉल्ट यूरिन के जरिए बाहर निकलते हैं। यूरिनरी ब्लैडर के भर जाने पर दिमाग को सिग्नल जाता है, जिससे यूरिन रिलीज करने की इच्छा होती है। कुछ देर के लिए अगर कोई यूरिन होल्ड करे तो कोई दिक्कत नहीं। मगर जब कोई इंसान टॉयलेट जाने की जगह यूरिन होल्ड करने को अपनी आदत बना ले, तब कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
सवाल- कार या बस से ट्रैवल करते समय यूरिनेशन के लिए क्या उपाय हो सकते हैं?
जवाब- लंबा ट्रैवल करने जा रहे हैं तो तैयार रहें क्योंकि संभावना है कि लंबे समय तक टॉयलेट नहीं मिलेगा। ऐसे समय में पहले से ही रास्ते में पड़ने वाले पब्लिक टॉयलेट चिन्हित कर लें। उसी हिसाब से रूट तय कर सकते हैं। आजकल पेट्रोल पंप पर भी टॉयलेट की सुविधा होती है। रास्ते में पड़ने वाले ढाबों में भी टॉयलेट होते हैं।
सवाल- रास्ते और हाईवे में आने वाले ढाबों पर टॉयलेट तो होते हैं, लेकिन वो इतने गंदे होते हैं कि हम चाहकर भी यूज करने से बचते हैं, ऐसे में क्या उपाय है?
जवाब- आप ट्रैवल करते वक्त अब्जॉर्बेंट पैड साथ लेकर चलें ताकि इमरजेंसी की स्थिति में परेशानी का सामना न करना पड़े। यह आसानी से मेडिकल स्टोर पर आपको मिल जाएंगे।इसके साथ ही गंदे पब्लिक टॉयलेट से निपटने के लिए टॉयलेट सीट पर सैनिटाइजर स्प्रे का इस्तेमाल करें। आप एंटीसेप्टिक लिक्विड जैसे– डेटॉल, सेवलोन के साथ डिस्पोजेबल टॉयलेट सीट कवर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्हें इस्तेमाल करने के बाद फ्लश कर सकते हैं।
सवाल- क्या यूरिन होल्ड करना जानलेवा हो सकता है?
जवाब- यूरिन होल्ड करने से मौत होने की आशंका वैसे बहुत कम है। ज्यादा देर तक अगर आप यूरिन होल्ड करते हैं तो ब्लैडर बिना आपकी इच्छा के लीक हो सकता है।मगर कुछ कंडीशन में लोग बहुत लंबे समय तक यूरिन होल्ड करने के बाद भी यूरिन रिलीज नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में ब्लैडर फट सकता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। हालांकि यह स्थिति रेयर है। एक्सट्रीम कंडीशन में ही ऐसा होता है।
सवाल- यूटीआई की समस्या बार-बार हो रही है तो क्या करें?
जवाब- यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कई कारण हो सकते हैं। बोलचाल की भाषा में इसे बिकोलाई या ईकोलाई के नाम से जानते हैं। बार-बार इंफेक्शन के खतरे से बचने के लिए हम कुछ उपाय कर सकते हैं…
सवाल- क्या बार-बार यूरिन आना समस्या हो सकती है?
जवाब- अक्सर गर्भावस्था में महिलाएं बार-बार यूरिन रिलीज करती हैं। इसके अलावा कई दवाईयां और कुछ ड्रिंक्स भी ऐसी होती है जिससे जल्दी-जल्दी यूरिन आता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह समस्या ज्यादा हो रही है तो कोई इंफेक्शन या बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह लें।
सवाल- सोते समय कैसे 8-9 घंटे तक यूरिन नहीं आता?
जवाब- दरअसल, सोते समय हमारे शरीर में कम यूरिन बनता है। सोते समय हमारा दिमाग किडनी को ज्यादा से ज्यादा पानी एब्जॉर्ब करने का सिग्नल देता है जिससे यूरिन कम बनता है। हालांकि कई लोगों को बीच रात में उठकर टॉयलेट जाना पड़ता है। इस कंडीशन को नोक्टूरिया कहते हैं। एल्कोहल और कैफीन के अत्यधिक सेवन से दिमाग और किडनी के बीच के सिग्नल कमजोर हो जाते हैं जिससे नोक्टूरिया की समस्या पैदा होती है। अगर रोजाना रात में आप टॉयलेट जाने के लिए जागते हैं तो इसे हल्के में न लें।