पुणे सहित देख के कई हिस्सों में जीका वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह मच्छरों से होने वाला एक संक्रमण है जो आमतौर पर बरसात के दिनों में तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है।
यह बीमारी आमतौर पर लोगों में बुखार सिरदर्द जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द का कारण बनती है।
ऐसे में जानते हैं इससे बचने के लिए कुछ आसान से उपाय।
गर्मी की विदाई के साथ ही मानसून का आगमन हो चुका है और लोगों को चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से राहत मिलने लगी है।
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बरसात के मौसम में जहां ठंडक बढ़ जाती है, तो वहीं कई बीमारियों और संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है।
जीका वायरस इन्हीं में से एक है, जिसके मामले इन दिनों महाराष्ट्र के पुणे में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
यह मच्छरों से होने वाली एक बीमारी है, जो जीका संक्रमण की वजह बनता है। मानसून में लगातार होने वाली बारिश और इसकी वजह से होने वाले जल भराव और नमी की वजह से मच्छरों को प्रजनन के लिए एक आर्दश वातावरण मिलता है।
इस मौसम में सिर्फ जीका ही नहीं, बल्कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, येलो फीवर के मामले में तेजी से बढ़ जाते हैं।
इसलिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
आज जानेंगे कि देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते जीका वायरस के प्रकोप के बीच कैसे रखें अपना और अपनों का ख्याल।
जानिए क्या है जीका वायरस?
जानकारी के मुताबिक जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाला एक वायरस है। यह मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है, जो ज्यादातर दिन के दौरान काटते हैं।
जीका वायरस सेक्स या प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण में फैल सकता है। इस वायरस से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए कोई वैक्सीन या इलाज के लिए कोई दवा नहीं है।
जाने क्या हैं इसके लक्षण
जीका वायरस से संक्रमित कई लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, जबकि कुछ लोगों में इसके लक्षण बेहद हल्के होते हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं।
दाने, बुखार, सिरदर्द, लाल आंखें, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, कैसे फैलता है वायरस।
जीका वायरस मुख्य रूप से मच्छर के काटने से, गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में और सेक्स के जरिए फैल सकता है।
बेहद कम मामलों में, जीका वायरस संक्रमित खून या टिश्यूज और लैब में फैल सकता है।
जीका वायरस किसी व्यक्ति में लक्षण शुरू होने से पहले, लक्षण रहने के दौरान और लक्षण खत्म होने के बाद भी फैल सकता है।
इस वायरस डिजीज से कैसे करें बचाव
मच्छरों के काटने से बचें : आमतौर पर मच्छर दिन और रात में काटते हैं। ऐसे में संक्रमण होने के जोखिम को कम करने के लिए मच्छरों के काटने से बचें।
पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) द्वारा रजिस्टर्ड इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
लंबी बाजू वाली शर्ट और फुल पैंट पहनें, ताकि आपका शरीर ज्यादा से ज्यादा कवर रहे।
घर के अंदर मच्छरों को प्रवेश करने से रोकें।
घर पर और यात्रा के दौरान मच्छरों के काटने से बचाव के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखें।
जीका वायरस के प्रकोप वाले क्षेत्र की यात्रा पर लौटने के बाद 3 हफ्ते तक सावधानी बरतें।