हाईकोर्ट के फ़ैसले ने प्रदेश सरकार को सख्त फटकार लगाई, जिसमें कोरोना महामारी के दौरान कौशल विकास योजना के तहत हुई 70 करोड़ रुपये की घोटाले के सभी रिकार्ड उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।
हाईकोर्ट में पेश याचिका में कहा गया कि घोटाले में अधिकारी सहित करीब 27 एनजीओ शामिल हैं।
हाईकोर्ट के इस फ़ैसले के बाद, प्रदेश सरकार में हलचल मच गई है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई की गई, जिसमें याचिकाकर्ता ने घोटाले में शामिल निजी कंपनियों और एन.जी.ओ. को पक्षकार बनाने की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल 2024 को होगी।
जानकारी के अनुसार, हल्द्वानी निवासी एहतेशाम हुसैन खान उर्फ विक्की खान और अन्यों ने दायर की यह याचिका, जिसमें कहा गया है कि कोरोना काल में उत्तराखंड में केन्द्र सरकार के सहायतित कौशल विकास योजना के तहत गड़बड़ी हुई है।
- Advertisement -
इस योजना के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये की धनराशि बर्बाद हो गई थी, जो प्रदेश सरकार के द्वारा प्रशिक्षण के नाम पर हड़पी गई थी।
प्रदेश सरकार के खिलाफ याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जबकि इस घोटाले में करीब 27 एन.जी.ओ. भी शामिल हैं।
उनका दावा है कि प्रदेश में चल रही कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर कई अनियमितताएं बरती गई।
और अकेले कोरोना काल में प्रदेश के 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग कराकर उन्हें नौकरी तक आवंटित कर दी, एजेंसी….।