कमेटी चकराता विधायक व पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह के हालिया बयानों पर पार्टी नेताओं से बातचीत करेगी और अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेगी।
समिति के निष्कर्षों के आधार पर पार्टी कार्रवाई करेगी।
पता चला है कि कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने चकराता के कद्दावर नेता प्रीतम सिंह और अन्य नेताओं के हालिया बयानों को गंभीरता से लिया है।
पार्टी का मानना है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार की एक वजह गुटबाजी भी थी।
विकास की पुष्टि करते हुए पीसीसी अध्यक्ष करण महरा ने द पायनियर को बताया कि उन्होंने इस उम्मीद में एक साल तक इंतजार किया कि अच्छी भावना प्रबल होगी लेकिन जब चीजें बेहतर नहीं हुईं।
तो उन्होंने इस मुद्दे को पार्टी आलाकमान के संज्ञान में लाने का फैसला किया।
महरा ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के बयानों से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी प्रभावित हो रहा है।
गौरतलब है कि प्रीतम सिंह लगातार उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव को निशाने पर ले रहे हैं और उन्हें राजनीतिक नौसिखिया तक करार दे चुके हैं।
सिंह लगातार यादव पर निशाना साध रहे हैं. जिला और महानगर अध्यक्षों की हालिया नियुक्तियों के बाद, सिंह ने फिर से यह कहकर यादव पर निशाना साधा कि वह बिना किसी से सलाह लिए फैसले ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य इकाई का प्रभारी व्यक्ति राजनीतिक रूप से परिपक्व व्यक्ति होना चाहिए न कि ऐसा व्यक्ति जो राजनीति की एबीसी नहीं जानता हो।
सिंह के अलावा तराई क्षेत्र के पार्टी के वरिष्ठ नेता तिलक राज बेहड़ के हालिया बयान भी पार्टी नेतृत्व के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने हाल ही में उत्तराखंड कांग्रेस में क्षेत्रीय असंतुलन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पीसीसी अध्यक्ष, विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) और विधानसभा में उपनेता तीनों महत्वपूर्ण पदों पर कुमाऊं क्षेत्र के नेताओं का कब्जा है।
उन्होंने राज्य इकाई के नेतृत्व पर उनकी अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है।

