खोजी नारद ब्यूरो। आज कांग्रेस से निष्काषित नेता आज़ाद अली ने अपने ऑफिसियल पेज पर उत्तराखंड सरकार की मंत्री रेखा आर्य पर अपने द्वारा जारी वीडियो के माध्यम से पलटवार किया। रेखा आर्य द्वारा उत्तराखंड के जन नेता हरीश रावत पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शाब्दिक टिप्पणी की गई। पूरी कांग्रेस में हरीश रावत के समर्थकों द्वारा इस पर कोई भी पलटवार ना होना ये दर्शाता है कि उत्तराखंड कांग्रेस की राजनीति में पार्टी में पदाधिकारी और नेताओं को अपनी-अपनी विधान सभाओ मे सिर्फ पार्टी का टिकट चाहिए।
आज़ाद अली द्वारा जारी बयान का विडियो सुनने के लिंक पर क्लिक करे:
हरीश रावत हमेशा उत्तराखंडियत का झण्डा बुलंद रखते है जबकि इसके उलट काँग्रेस के अन्य दूसरे नेता सिर्फ और सिर्फ अपने कुर्ते और पाजामे की क्रिच और खुद को लल्लनटॉप दिखाने के लिए प्रयासरत रहते है।
सत्तारूढ़ दल और कांग्रेस के दूसरे धड़े के निशाने पर हरीश रावत ही है, अब चाहे इस राज्य में सत्ताधारी पार्टी हो या कांग्रेस के दूसरे धड़े के नेता हो, सबका टारगेट एकमात्र हरदा ही है। जो 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव में सभी दलों में पक्ष और विपक्ष के हॉट टॉपिक है और रहेंगे।
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कांग्रेस से निष्काषित नेता आज़ाद अली द्वारा हरीश रावत के समर्थन में सत्तारूढ़ दल की मंत्री के द्वारा जारी बयान के विपरीत पलटवार करना सभी मूक कांग्रेसियों के मुँह पर करारा तमाचा है। जब आज़ाद अली अपनी पार्टी से निष्कासित होकर और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उत्तराखंड के जन नेता के पक्ष में आकर बयान जारी कर सकते है तो उसी पार्टी के वर्तमान पदाधिकारी खामोश क्यों? आज़ाद औरों की नजर में गली और मोहल्ले के नेता हो सकते है पर उन्होने उत्तराखंडियत के भीष्म हरदा के पक्ष मे बयान जारी कर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बड़े दिल वाला होने का जिगरा भी दिखाया है।
कांग्रेस के अन्य नेता भी इस मुद्दे और आरोप पर कॉंग्रेस से निष्कासित आज़ाद अली के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सत्ताधारी दल की मंत्री को माकूल जबाब देने का दम क्या दिखा पाएंगे?