जीएसटी दरों को लेकर मंत्री समूह की अगली बैठक 25 सितंबर को गोवा में आयोजित की जाएगी : जिसमें टैक्स स्लैब और दरों में बदलाव पर चर्चा होगी। यह बैठक जीएसटी दरों और स्लैब्स के संभावित सुधार के उद्देश्य से हो रही है। इससे पहले GOM की पिछली बैठक 22 अगस्त को हुई थी, जिसमें जीएसटी दरों और टैक्स स्लैब्स पर विचार-विमर्श हुआ था, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था।
इस बैठक में प्रमुख रूप से जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने, करदाताओं को राहत देने, और राजस्व संग्रह बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में किए गए बदलाव का उद्देश्य व्यापार को सुगम बनाना, कर चोरी को रोकना और राजस्व में वृद्धि करना होता है। जीएसटी में किए गए प्रमुख बदलावों में दरों में संशोधन, प्रक्रियात्मक सुधार और विभिन्न वस्त्र एवं सेवाओं पर कर छूट या दरों में कमी शामिल हो सकती है।
कुछ सामान्य बदलाव जो केंद्र सरकार समय-समय पर करती है
- दर संशोधन : विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव, जैसे किसी वस्तु पर दर को घटाना या बढ़ाना।
- आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) : व्यापारियों के लिए आईटीसी के दावों में संशोधन और नियमों को सख्त बनाना।
- ई-इनवॉयसिंग : व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए ई-इनवॉयसिंग को अनिवार्य करना, खासकर बड़े व्यापारों के लिए।
- कम्पोजिशन स्कीम में बदलाव : छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए कम्पोजिशन स्कीम में नियमों में बदलाव।
- रिटर्न फाइलिंग में सुधार : व्यापारियों के लिए रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को सरल बनाना और ऑटोमेटेड सिस्टम का विस्तार।
जीएसटी में बदलाव के उद्देश्य आमतौर पर कराधान प्रणाली को आसान, पारदर्शी और व्यावहारिक बनाना होता है, ताकि सरकार के राजस्व में वृद्धि हो और व्यापारियों को राहत मिले।