सावन माह में प्रदोष व्रत करने वालों को सोए भाग्य जाग उठते हैं. सावन में त्रयोदशी कब-कब पड़ रही है. यहां जान लें सावन प्रदोष व्रत की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व।
सावन माह को प्रेम, हरियाली और बरसात का प्रतीक माना जाता है. सावन में किए गए धार्मिक कार्य कभी न खत्म होने वाला पुण्य देते हैं. सावन में भोलेनाथ को खुश करना है तो प्रदोष व्रत जरुर करें।
सावन प्रदोष व्रत पर शिव जी की आराधना करने से व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता मिल सकती है, मोक्ष की प्राप्ति होती है. जानें सावन में प्रदोष व्रत कब-कब है ? जानें डेट, पूजा मुहूर्त।
सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त 2024 को रखा जाएगा. ये गुरु प्रदोष व्रत होगा।
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गुरु प्रदोष व्रत शत्रु और खतरों के विनाश के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में भी सुख मिलता है।
सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 17 अगस्त 2024 को रखा जाएगा. ये शनि प्रदोष व्रत होगा।
संतान प्राप्ति के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत खास माना जाता है. नौकरी में प्रदोन्नति के लिए इस दिन शिव-शनि दोनों की पूजा करनी चाहिए।
सावन में प्रदोष व्रत रखने से चंद्रमा जनित दोष दूर होता है. मान्यता है कि इससे शुक्र, शनि, बुध भी सुधरता है।
सावन में इस व्रत को रखने अपना ही महत्व है. सावन प्रदोष व्रत पर शिव जी की अगर पूरे मन से आराधना की जाए तो व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्यों में लगातर सफलता मिलती है।
साथ ही कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी शुभफलदायक होता है।
अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर गुड़ अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।