उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी, जीनोम अनुक्रमण सुविधा:

वर्तमान में यह सुविधा राज्य के केवल राजकीय दून मेडिकल (जीडीएमसी)में उपलब्ध हैं।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोविड़-19 रोगियों के नमूनों की जीनोम अनुक्रमण शुरू करने के लिए राष्ट्रीय संचारी रोग केंद्र (एनसीडीसी) से अनुमति मांग ली हैं।

इन तीनों मेडिकल कॉलेजों की प्रयोगशालाओं को पहले ही सुसज्जित किया जा चुका हैं।

एनसीडीसी की अनुमति के बाद वे जीनोम सीक्वेंसिंग करना शुरू कर देंगे।

उत्तराखड़ स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने आरटीपीसीआर परीक्षणों कि संख्या बढ़ाने का फ़ैसला किया हैं।

स्वास्थ्य विभाग को टिकाकरण अभियान कि गति बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं ।

राज्य ने स्वास्थ्य विभाग के पास टीके कि तीन लाख एहतियाती खुराक कि मांग रखी हैं।

स्वास्थ्य मंत्री रावत ने शुक्रवार को कोविड़-19 पर सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों कि वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया हैं।

इस बैठक कि अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कि हैं।

केंद्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्रीयों को सभी कोविड़-19 सकारात्मक मामलों के टिकाकरण अभियान में आरटीपीसीआर परीक्षणों और जीनोम अनुक्रमण कि गति बढ़ाने का निर्देश दिया हैं।

उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को 27 दिसंबर को इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में महामारी से निपटने की तैयारियों की जांच के लिए मॉक ड्रिल करनी चाहिए।

बैठक में रावत ने कहा कि उत्तराखंड में 12 साल से अधिक की आबादी में 100 फीसदी पहली और दूसरी खुराक दी जा चुकी है ।

जबकि 25 फीसदी को एहतियाती खुराक दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में प्रतिदिन 11,000 आरटीपीसीआर परीक्षण करने और एक महीने में 2,000 नमूनों की जीनोम अनुक्रमण करने की संयुक्त क्षमता है।

 

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