पश्चिम, सेंट्रल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनहानि के मामले भी सामने आए हैं।
जबकि बुंदेलखंड में सर्वाधिक फसलें प्रभावित हुई हैं।
यहां ललितपुर में बारिश-ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर दिखाई दिया।
बच्चे की तरह फसल को सीने से लगाए रहे किसान यहां अपनी खड़ी फसल को ऐसे बर्बाद होता देख किसान बहुत परेशान हैं।
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वो अपनी फसलों को लेकर कभी डीएम ऑफिस की ओर भाग रहे हैं, तो कभी एसडीएम के पास जा रहे हैं।
किसी ने पत्नी के जेवर गिरवी रखकर फसल बोई थी।
तो किसी ने इसी फसल के सहारे बेटी की शादी के लिए कर्ज ले रखा था। अब सब सपने टूट गए हैं।
किसान अधिकारियों से कह रहे हैं कि बड़ी मुश्किलों के बीच हमने ये फसल तैयार की थी साहब…लेकिन ये बारिश हमारी फसल, हमारे सपने, हमारी उम्मीदें सब कुछ खा गई।
अब हम कहां जाएं, क्या करें? हमारे पास तो कोई सहारा नहीं बचा है।
33 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट:
यूपी में मौसम के उलटफेर का सिलसिला जारी है।
मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के 33 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया था।
गाजियाबाद और नोएडा में दोपहर में जमकर बारिश हुई थी और ओले गिरे थे।
झांसी, मेरठ और कानपुर में भी बारिश हुई थी।वहीं रायबरेली में आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे किसान की मौत हो गई थी।
शुक्रवार देर शाम ललितपुर और झांसी में भी ओले गिरे थे।
ललितपुर में ओले गिरने से खेत में काम कर रहे 5 किसान घायल हो गए थे।
इस बारिश और ओले से किसानों की फसलों का बहुत नुकसान हुआ है।
बारिश के कारण गांव में जगह-जगह पानी भरा है।
बारिश में उनकी फसलों को कितना नुकसान हुआ है, इसके बारे में जानकारी ली।
बारिश के कारण गांव में जगह-जगह पानी भरा हुआ है।
इतनी बारिश के बाद भी गांव के अधिकतर घर खाली दिखे क्योंकि ज्यादातर लोग खेत पर अपनी फसल को बचाने की कोशिश कर रहे थे।
कोई किसान बाल्टी से खेत में भरा पानी बाहर फेंक रहा था तो कोई टब से।
अपनी मेहनत की फसल की ऐसी हालत देखकर किसान फूट-फूटकर रो रहे थे।
हमने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वो लोग बात-बात पर रो पड़ते हैं।
वो बस किसी तरह से अपनी थोड़ी बहुत बची फसल को बचाने की कोशिश करते रहे। गांव में लगभग हर खेत पर ऐसे ही किसान परेशान दिखे।