नई दिल्ली । भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर एक तरफ चीन बातचीत में भी जुटा है तो दूसरी तरफ बेहद चालाकी से उसके सैनिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास स्थायी कैंप बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसा करने से चीनी सैनिक विवादित इलाकों में कुछ ही मिनटों के भीतर पहुंच सकते हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस तरह का एक कैंप चीनी टेरेटरी के कुछ किलोमीटर अंदर है। यह उत्तरी सिक्किम इलाके के ठीक विपरीत स्थित है।
यह इलाका उस जगह से कुछ ही मिनट की दूरी पर है, जहां पिछले साल और इस साल जनवरी में दोनों भारतीय और चीनी सेना के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सूत्र ने यह भी कहा कि चीनी सेना यहां पर ठोस कैंप बन रही है। इससे उन्हें सीमावर्ती इलाकों में अपने जवानों को तैनात करने में आसानी होगी। यहां पर सड़क संसाधन भी काफी बेहतर है। इसके चलते चीनी सेना भारतीयों की तुलना में सीमा पर जल्दी पहुंचेगी।
सूत्र का कहना है कि पूर्वी लद्दाख और अरूणाचल सेक्टर में भी इस तरह के आधुनिक भवनों का निर्माण देखने में आया है। ऐसे ठिकाने बन जाने से चीन के जवानों के सर्दियों के समय भी ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होगी। अभी तक पूर्वी लद्दाख में तैनाती के दौरान ज्यादा ठंड के दौरान काफी प्रॉब्लम होती थी। इसके चलते यहां से करीब 90 फीसदी जवानों को यहां से रोटेट करना पड़ता था।
चीन के इन स्थायी ठिकानों से इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि वह सीमावर्ती इलाकों में लंबे वक्त तक रूकने की चाहत रखता है। इसके अलावा चीन पैंगोंग इलाके में भी स्थायी ठिकाने बना रहा है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पिछले साल गलवान घाटी और कुछ अन्य इलाकों में टकराव के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।