“राम नाम सत्य है”। यह वह शब्द है, जब हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु हो जाती है और शव यात्रा निकाली जाति है, तो शव के पीछे चल रहें लोग राम नाम सत्य है बोलते है। पर क्या आपने सोचा है इस शब्द को बोलने के पीछे का कारण क्या है। अगर नहीं जानते है तो चलिए, आज आपको इसे बोलने का वजह बताते है।
हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करते वक्त ”राम नाम सत्य है” जरूर कहा जाता है। बता दें कि इसके पीछे का एक कारण महाभारत के प्रमुख किरदार धर्मराज युधिष्ठिर ने एक श्लोक में कहा था, कि प्राणी मरते हैं, लेकिन शेष परिजन संपत्ति को ही चाहते हैं। इससे बढ़कर और अधिक आश्चर्य क्या हो सकता है? शव यात्रा के दौरान राम नाम सत्य है, सबके बोलने का उद्देश्य साथ में चल रहे परिजन और मित्रों को केवल ये समझाना होता है कि जीवन और उस के बाद भी केवल ”राम नाम ही सत्य है” बाकी सब व्यर्थ है।
यह परंपरा आज से नहीं पौराणिक काल से ही चली आ रही है। एक राम का नाम ही सत्य क्यों है, तो आपको बता दे कि जब राम नाम का जप किया जाता है तब मृतक की आत्मा को शान्ति प्रदान होती है। ऐसा माना जाता है कि मृतक की अंतिम यात्रा के दौरान ”राम का नाम” बोलने से मृतक, जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।
इन सब के अलावा शिव पुराण की माने, तो भगवान शिव भी राम नाम का जप करते है। जबकि वो जानते है कि श्री राम भगवान विष्णु के अवतार है। एक कथा के अनुसार रामायण के रचयिता वाल्मीकि, जो पहले एक डाकू हुआ करते थे । वो भी राम नाम सत्य है के जाप के बाद ही सेट्यमार्क पर चल पड़े थे। और फिर राम नाम की कृपा से ही रामायण जैसे धर्म ग्रंथ की रचना कर डाली। इसके अलावा आप सब के लिए ये जानना भी आवश्यक है कि राम शब्द एक सिर्फ नाम ही नहीं, बल्कि ये श्री हरि के चरणों में जाने का मार्ग भी हैं।
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आप ने भी कभी गौर किया होगा कि मारा शब्द को भी जब बार-बार लगातार बोला जाता है तो बोलने वाले के मुंह से अन्यास ही राम नाम का उच्चारण होने लगता है। इसलिए अगर आपको अब राम नाम की शक्ति समझ आ गई हो तो आज से ही ”राम नाम सत्य है” बोलना शुरु कर सकते है। ‘राम’ नाम ऐसा है जो जीवन में भी और जीवन के बाद भी मनुष्य के साथ रहता है। तो यही कारण था कि हम शव को ले जाते समय राम नाम सत्य है कहते हैं।