हमारे देश में गाँव की सबसे ख़ास पहचान है कुंआ , जी हैं जहाँ पानी भरती महिलाओं की चहलपहल होती है तो बच्चों के ठन्डे पानी से नहाने का शोर , यही वो जगह है जहाँ शुभ कार्यों में पूजा भी की जाती है और खेतों में सिंचाई का जल भी निकलता है। लेकिन खोजी नारद के मन में एक सवाल आया कि आखिर कुएं हमेशा गोल ही क्यों होते हैं, बनाने वाले तो इसको चौकोर या तिकोने भी बना सकते हैं। लिहाज़ा हमने भी गूगल बाबा से ये जिज्ञासा पूछी तो इसका बड़ा ही बहुत ही रोचक और सटीक वैज्ञानिक कारण सामने निकल कर आया है।
आपके मन में भी अगर यही जिज्ञासा है तो आगे हमारी खबर पूरी पढ़िए … दरअसल पहले के जमाने में घर-घर में कुएं होते थे, जो पीने और घरेलू कामों के लिए पानी का मुख्य स्रोत थे। धीरे-धीरे आधुनिक युग में नलों और टंकियों ने इसकी जगह ले ली, लेकिन आज भी गांवों में कुछ जगह कुएं देखे जा सकते हैं और जब भी आप कुआं देखेंगे, तो उसका आकार गोल ही मिलेगा। इसका कारण जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे।
कुएं गोल आकार के इसलिए होते हैं क्योंकि इसका निर्माण इस तरह से किया जाता है कि पानी का दबाव सभी दिशाओं में समान रूप से बंट सके। अगर कुआं चौकोर या तिकोने आकार का हो, तो पानी का सारा दबाव कोनों पर पड़ता, जिससे वह कमजोर हो जाता और टूटने की संभावना बढ़ जाती।गोल आकार में कोई कोना नहीं होता, जिससे पानी का दबाव पूरे कुएं की दीवारों पर बराबर पड़ता है। इससे कुआं ज्यादा समय तक टिकाऊ रहता है। इसलिए गोल कुएं बनाना न केवल आसान होता है, बल्कि यह ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ भी होते हैं।
हमारे आसपास की कई चीजें भी गोल होती हैं, जैसे कटोरे, प्लेट और बाल्टियां। यह डिजाइन भी इसी वजह से होता है कि गोल आकार में समान दबाव बंट जाता है और चीजें मजबूत रहती हैं। इसी तरह, कुएं के गोल आकार के कारण वह टिकाऊ और मजबूत बना रहता है। गोल कुआं न सिर्फ मजबूत होता है, बल्कि उसे बनाना भी आसान होता है। ड्रिलिंग के जरिए कुएं की खुदाई गोल आकार में करना सबसे आसान और प्रभावी तरीका होता है। तो मैं समझ गया गोल कुओं की कहानी उम्मीद है आपकी भी जानकारी में इज़ाफ़ा हुआ होगा। ऐसी ही रोचक , ज्ञानवर्धक खबरों के लीजिये जुड़े रहिये खोजी नारद की खोजी टीम के साथ और पढ़ते रहिये खोजी नारद।